कोडरमा (शहर परिक्रमा)

कोडरमा: डीएवी में लोक कला प्रदर्शनी का आयोजन

डीएवी विद्यालय कोडरमा में सीसीए कार्यक्रम के तहत कला प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। जिसमें कक्षा एलकेजी से लेकर 11वीं के बच्चों ने भाग लिया कक्षा एलकेजी से कक्षा दो तक के बीच पेपर ओरिगामी की प्रतियोगिता भी कराई गई l ओरिगेमी में बच्चों ने कागज को पक्षियों, तितलियों, फूलों, बिल्लियों घर यहां तक कि पोकेमोन में बनाकर अपनी अद्भुत कार्य क्षमता का प्रदर्शन किया। विद्यालय में सभी सदनों के बीच आर्ट एक्जिविशन प्रतियोगिता कराई गई। बच्चों ने बड़े उत्साह से अपने कला का प्रदर्शन किया ।प्रदर्शनी का उद्घाटन स्कूल विद्यालय के प्राचार्य श्री कृष्ण कुमार सिंह ने किया। विद्यार्थियों ने मधुबनी पेंटिंग, लोक कला पेंटिंग, वर्ली पेंटिंग, ऑयल पेस्टल पेंटिंग, जल रंग पेंटिंग, अमूर्त पेंटिंग , चाकू पेंटिंग, सोहराई कला , राजस्थानी आर्ट,लिप्पन आर्ट आदि का प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने लाइव पेंटिंग भी बनाई। रामकृष्ण सदन की सेल्फी कॉर्नर ,आकर्षण का विशेष केंद्र रहा, जहां शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं ने तस्वीरें खिंचवाई । जज की भूमिका पेपर ओरिगामी में स्नेहा जबकि आर्ट एक्जिविशन में मौसुमी मल्लिक और अमिता सिन्हा ने निभाया।पेपर ओरिगामी में प्रथम स्थान एलकेजी के पुनीत कुमार महतो, कक्षा प्रथम ब की छात्रा अनाया तहरीन , कक्षा द्वितीय अ के छात्र वेहान्त राज, द्वितीय स्थान प्रीत राज यूकेजी ,समृद्धि शर्मा कक्षा द्वितीय ‘अ’ , गौरव पांडे कक्षा प्रथम ‘ब’ ने तथा तृतीय स्थान राजदीप यूकेजी और इवानी प्रिया कक्षा प्रथम ‘ब’ के बच्चों ने प्राप्त किया ।आर्ट एक्जिविशन में प्रथम स्थान राजा राममोहन राय हाउस द्वितीय दयानंद हाउस तृतीय विवेकानंद और राम कृष्ण हाउस को प्राप्त हुआ। सभी हाउस के उत्कृष्ट दस प्रदर्शनकारी बच्चों को पुरस्कृत किया गया ।

डीएवी के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने इस सफल आयोजन के लिए छात्रों और उनके शिक्षकों को बधाई दी और उन्हें अच्छा काम करते रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ऐसी प्रदर्शनियों से विद्यार्थियों में छिपी प्रतिभा सामने आती है। डीएवी कोडरमा भविष्य में भी ऐसे आयोजन करता रहेगा। यह बच्चों में धैर्य, एकाग्रता शक्ति और आत्म-सम्मान विकसित करने में मदद करता है l कलाकार रचनात्मकता से भरे होते हैं और उन्हें हर संभव कैनवास पर इसे प्रकट करने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उभरते कलाकार तो और भी ज्यादा कीमती है क्योंकि वे अक्सर अपनी भावनाओं को बेहतर रूप से अभिव्यक्त करते हैं और उन भावनाओं को शुद्ध अभिव्यक्ति के असीम प्रदर्शन में परिलक्षित होने देते हैं। वे भविष्य के ऐसे लोग हैं जो हमारे राष्ट्र के इन उत्कृष्ट कला रूपों को समझेंगे और कैनवास पर उनका सटीक प्रदर्शन करेंगे। इन उभरते कलाकारों के कलात्मक प्रयासों को बढ़ावा देने के लिए, विद्यालय में बच्चों के लिए ऐसी कला प्रदर्शनियों का आयोजन समय-समय पर करते रहना चाहिए l सीसीए बच्चों को अपनी रचनात्मकता प्रदर्शित करने के लिए एक प्‍लेटफॉर्म देने के लिए सफल प्रयास कर रहा है l यह एक ऐसा मंच है जहां इन कलाकारों को अपनी भावनाओं को कला में पिरोने का अवसर प्राप्त होता है। डीएवी कोडरमा के छात्रों ने इस कहावत को सच साबित कर दिया कि “हर बच्चा एक कलाकार है।”

सम्पूर्ण कार्यक्रम सीसीए इंचार्ज श्वेता सिंह और महज़बी प्रवीण के देख -रेख में पूरा हुआ। सुपरवाइजरी हेड मौसमी मल्लिक और अमिता सिन्हा ,शिक्षक राय राकेश, सुजीत कुमार राणा, दिनेश कुमार दुबे ,बलराम मिश्रा, एवं अन्य शिक्षकों की भूमिका सराहनीय रही l