कोडरमा (शहर परिक्रमा)

कोडरमा: डीएवी पब्लिक स्कूल में प्रस्तुत हुआ मकर संक्रांति का वैज्ञानिक और धार्मिक रूप


डीएवी पब्लिक स्कूल कोडरमा में मकर संक्रांति के महत्व को बच्चों ने साझा किया। इस अवसर पर भारत के राज्यों में मकर संक्रांति के विविध नामों और अनूठे ढंग से मनाने की झांकी को नृत्य कला में कृतिका देवनाथ और उनके समूह ने प्रस्तुत किया। मकर संक्रांति के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व को कक्षा नवमी की रोशनी कुमारी ने अपने भाषण में प्रस्तुत किया। अंग्रेजी भाषण में कक्षा नवमी की छात्रा पल्लवी कुमारी ने आदित्य एल वन और सूर्य से जुड़ी अनेक जानकारियॉं दी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन द्वारा छोड़े गये भारत के कोरोनग्राफ यान का मॉडल तैयार उज्जवल, इकजोत और आर्यन ने इस यान और सूर्य से जुड़ी अनेक जानकारियॉं साझा की। आदित्य एल वन और मकर संक्रांति से जुड़े पोस्टर अरात्रिका सिन्हा, मुसर्रत, आराध्या और अन्वी सेठ ने तैयार किया।

इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने कार्यक्रम की खूब सराहना की। उन्होंने कहा मकर संक्रान्ति भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है।मकर संक्रान्ति पर्व को कहीं-कहीं उत्तरायण भी कहते हैं। इस दिन सूर्य उत्तर दिशा की ओर अग्रसर होता है। इसी कारण इस पर्व को ‘उतरायण’ भी कहते है। इस पर्व में मुख्य रूप से सूर्य की आराधना की जाती है। उन्होंने बताया आज भारत का कोरोनग्राफ यान सूर्य तक पहुॅंच चुका है।आदित्य-एल१ सौर वायुमंडल का अध्ययन करने के लिए भारत द्वारा छोड़ा गया एक कोरोनग्राफ यान है, जो तारे या अन्य चमकदार वस्तु से सीधे प्रकाश को रोकता है ताकि चाँद से सूरज ना छिपे और अध्ययन हो सके।

कार्यक्रम को सफल बनाने में मौसुमी मल्लिक, मनोज सिंह, आनंदी प्रसाद, संगीता जेठवा, नीतिका सिंह,शुभश्री रथ, लक्ष्मी कुमारी और सभी शिक्षकों का योगदान रहा।