देवघर: सांदीपनी पब्लिक, स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का किया गया आयोजन
देवघर: झौसागढ़ी स्थित सांदीपनी पब्लिक स्कूल में अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अपर प्राइमरी बच्चों के साथ उत्सव की तरह मनाया गया, जिसमें हिंदुओं के आस्था के प्रतीक श्री रामचंद्र जी, भाई लक्ष्मण, माता सीता को हनुमान सहित याद किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत राम सीता की तस्वीर पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलित की गई।
मौके पर विद्यालय के शिक्षक विजय कुमार ने बच्चों को आज के दिन विशेष के बारे में विस्तार से बताया, तत्पश्चात श्री राम के अनेकों भजन बच्चों तथा शिक्षकों द्वारा गाए गए।
इस दौरान सभी बच्चे राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान के वेशभूषा में सज धज कर आए थे और अपनी झलकियां से सबको भाव विभोर कर दिया। इस दौरान संगीत शिक्षक नवल किशोर ने विजय सर के साथ जुगलबंदी मे भक्तिमय प्रस्तुति देकर माहौल को आनंदित बना दिया। साथ ही प्राचार्य कंचन मूर्ति ने प्रभु राम को समर्पित दो लोकगीत गाए।
इस अवसर पर विद्यालय की प्राचार्य ने बताया कि आज अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है और पूरा देश भक्ति के माहौल में डूबा हुआ है।
सभी उत्साहित है और अपने-अपने तरीके से आस्था एवं उत्साह को व्यक्त कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम की जन्मस्थली पर निर्मित राम मंदिर, एक मंदिर नहीं बल्कि धार्मिक आस्था, एकता और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। मंदिर निर्माण एक ऐतिहासिक घटना है जो असत्य पर सत्य, अन्याय पर न्याय की विजय का प्रतीक है, और अब यह मंदिर एकता का भी प्रतीक बन गया है क्योंकि मंदिर निर्माण में सभी समुदायों एवं संप्रदायों का सहयोग और समर्थन मिल रहा है। यह मंदिर भारत की समृद्ध, धार्मिक, सांस्कृतिक आध्यात्मिक विरासत का स्मारक है जिसके केंद्र में भगवान राम की अमर प्रसिद्घि के जीवित प्रमाण रामलला के रूप मे विराजमान है।
उन्होंने आगे कहा की यह मंदिर अयोध्या को आध्यात्मिक राजधानी बनाने में तथा अयोध्या के विकास एवं व्यवसाय में अहम योगदान देगा।
अंत में भगवान श्री रामचंद्र के विशेषताओं का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि हमारे इतिहास में सबसे आदर्श पुरुष के रूप में श्री राम गिने जाते हैं तभी तो उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहा जाता है। हमारी संस्कृति और सदाचार की जब बात की जाती है तो सबसे पहले राम का नाम लिया जाता है। त्याग और समर्पण का भाव, कुशल प्रबंधन, बेहतर नेतृत्व की क्षमता, सत्य के साथ सहनशीलता व धैर्य, विषम परिस्थिति में भी स्थिति पर नियंत्रण रखकर सफलता को प्राप्त करना।इन्हीं गुणो के कारण हमारे राम मर्यादा पुरुषोत्तम राम कहलाए। हम सभी उनके गुणो को अपने जीवन में, आचरण में अपनाकर, अपना मनुष्य जीवन सफल और सार्थक बना सकते हैं।
कार्यक्रम में जूनियर शिक्षिकाओं ने एक समूह गान प्रस्तुत किया।
अंत मे प्राचार्य ने बच्चों को हरि नाम का संकीर्तन करवाया। साथ ही कार्यक्रम के पश्चात बच्चों में लड्डू वितरण किया गया।
कार्यक्रम की सफलता के लिए प्राचार्या ने सभी शिक्षको, शिक्षिकाओं, बच्चों तथा अभिभावको को अपने बच्चों को वेशभूषा में सजा कर भेजने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।