देवघर: सांदीपनी स्कूल मे मनाई गई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती
देवघर: झौसागढी, दु:खी साह रोड स्थित सांदीपनी पब्लिक स्कूल में आज दिनांक 23.01.24 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 127वी जयंती को “पराक्रम दिवस” के रूप में मनाया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत नेताजी की तस्वीर पर माल्यार्पण कर की गई तथा नेताजी की सुकृतियों को याद किया गया।
मौके पर विद्यालय की प्राचार्य कंचन मूर्ति ने उनके चरित्र की विशेषताओं का वर्णन करते हुए कहा कि वे अनन्य राष्ट्रभक्त थे, जिन्होंने राष्ट्र की बलिवेदी पर अपने प्राण पुष्प अर्पित कर दिए। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक, आजाद हिंद फौज के संस्थापक, महान सेनापति ,वीर सैनिक तथा राजनीति के अद्भुत खिलाड़ी थे। वे अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त नेताओं के समकक्ष बैठकर कूटनीति चर्चा करने वाले, एक राष्ट्रवादी और महान स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया और भारतीयों के सबसे बड़े नायक बन गए।
उन्होंने आगे कहा की वे क्रांति के आराधक थे। उनका मानना था कि स्वाधीनता का इतिहास अहिंसा की मृतमसि से नहीं बल्कि बलिदानियों के उष्ण शोणित से ही सृजित हो सकता है। इसी सोच के साथ उन्होंने स्वाधीनता के लिए तरूणों का आह्वान किया कि- “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा।” साथ ही उनके “दिल्ली चलो और जय हिंद” के नारों ने आग में घी का काम किया फिर क्या था, सहस्त्रो शूरवीर सपूत सेना में सम्मिलित होकर समर में कूद पड़े।
उन्होंने आगे बच्चों को बताया की महात्मा गांधी भी नेताजी का सम्मान करते थे। तभी तो गांधी जी ने नेताजी को देशभक्तो का देशभक्त कहा था। वे ऐसे व्यक्तित्व थे जिनका मार्ग कभी स्वार्थ ने नहीं रोका। इसका प्रमाण इस बात से मिलता है कि आई.सी.एस की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त करने के बावजूद उन्होंने सर्टिफिकेट को वरुण देवता को समर्पित कर दिया और स्वाधीनता संग्राम में सक्रिय योगदान दिया।
नेताजी के अतुल्य योगदान एवं राष्ट्र के प्रति निस्वार्थ सेवा को देश कभी नहीं भूल पाएगा।
उनकी वीरता, उत्कट देशभक्ति और स्वाधीनता की बलि वेदी पर सर्वस्व समर्पण की भावना सदियों तक हमारे देश के युवाओ को प्रेरणा देती रहेगी।
उक्त अवसर पर विद्यालय के शिक्षक विजय कुमार, सुमन कुमार, सुमन गुप्ता, डी.के ठाकुर, अजय गुप्ता, मीना हांसदा, पूजा झा, रंजू मिश्रा, संजय राय आदि के साथ कक्षा तृतीय से अष्टम तक के बच्चे उपस्थित थे।