पद्मश्री रविन्द्र जैन को दी गई श्रद्धांजलि
सारेगमप संगीत संस्थान में महान संगीतकार, गायक, गीतकार और रामायण, गीता आदि जैसे धर्म ग्रंथों को अपने जादुई आवाज के माध्यम से घर- घर तक पहुंचाने वाले पद्म श्री रविन्द्र जैन की जयंती मनाई गई। संगीत संस्थान की संचालिका राज नंदिनी, अभिषेक सूर्य और उनके शिष्य एवं शिष्याओं ने उनकी तस्वीर पर पुष्प अर्पण किया। रविन्द्र जैन के शिष्य रह चुके अभिषेक सूर्य ने उनके साथ बिताए हुए स्वर्णिम पल की चर्चा की और कहा कि उनके सान्निध्य में रहकर संगीत की बारीकियों को सीखना और उनके साथ मंच पर कार्यक्रम करना मेरे जीवन की एक बड़ी उपलब्धि है।
इसके बाद रविन्द्र जैन के भजनों और गीतों की प्रस्तुति की गई। अभिषेक सूर्य ने “मंगल भवन अमंगल हारी”, राज नंदिनी ने “सुन साइबा सुन “, विजय कुमार ने गीत गाता चल, अनन्या एंजल ने “अंखियों के झरोखों से,अभिनंदिनी आन्या और आदरिशा कशिश ने “हमकथा सुनाते” अंशिका झा ने “ले तो आए हो हमें” राहुल कुमार ने “राम तेरी गंगा मैली”,विक्रम ने “श्री कृष्ण गोविंद”, आरना चौधरी ने “एक राधा एक मीरा”, हर्ष, उमा,दिलीप, फाल्गुनी, संतोष, सार्थक, सौम्य, मानिनी मनुप्रिया, काशी,ओजस्वी,अवनी कृति, वीरांश,जीत,अहम,अक्षत, विष्णु ,अभिषेक, गौरवी, आराध्या ने समवेत स्वर में “राम कहानी’ की अद्भुत प्रस्तुति की।