दुमका: जेएमएम छोड़ने के बाद पहली बार जामा पहुंची बीजेपी प्रत्याशी सीता सोरेन
जामा प्रखंड क्षेत्र के लकड़ा मोड़ स्थित सिद्धो कान्हू के प्रतिमा पर शनिवार को माल्यार्पण कर सीता सोरेन ने एक चौपाल पर ग्रामीण पुरुष महिलाओं से चुनाव संबंधी वार्तालाप किया। इस वार्तालाप में कुछ तीखे सवाल भी उनके सामने आये जिसका उन्होंने बखूबी जवाब दिया। उन्होंने ग्रामीण महिला पुरुष को संबोधित करते हुए कहा कि उनके पति दुर्गा सोरेन ने जल, जंगल एवं जमीन की सुरक्षा को लेकर यहां से दिल्ली तक की दौड़ पूरा कर झारखंड को अलग राज्य बनवाया। आज झारखंड सरकार का हाल किसी से छुपा नहीं है। बेरोजगारी, पलायन जैसी समस्यायें मुंह बाये खड़ी है। जनहित के किसी मुद्दे का राज्य सरकार समाधान नहीं कर पा रही है। पार्टी में उनकी कोई बात नहीं सुनी जाती थी। 14 वर्षों तक हमने पार्टी में सेवा दिया लेकिन पार्टी कोई भी पद उन्हें नहीं दिया। एक घर में रहकर हम विरोध भी नहीं कर सकते थे। इसलिये हमने पार्टी छोड़ कर बीजेपी के साथ आ गयी।
मौके पर खेपचुआ गांव के बेटका बास्की सहित अन्य महिलाओं ने गांव में पीने के पानी की समस्या उठाते हुए उन्हें 14 वर्ष के उनके विधायकी को याद दिलाया। जिसपर सीता सोरेन ने बताया कि उनके द्वारा सभी गांव में चापानल लगवाया गया है। पानी का लेयर नीचे चले जाने के कारण पानी की समस्या हो रही होगी। सांसद बनने पर वह दिल्ली जाकर बड़ी बड़ी जनहित की योजनाओं को लाकर क्षेत्र का विकास करेगी। आबुआ आवास में लगातार लूट हो रही है। सरकार के मुखिया घोटाला में जेल में बंद हैं। राज्य सरकार दलालों के हाथ में चली गयी है। अब सरकार का काम केवल दलाली करना रह गया है। पब्लिक सब जानती है। जामा विधनसभा के प्रभारी रविकांत मिश्रा ने बताया कि बीजेपी कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। प्रत्याशी बदलने से कार्यकर्ता नहीं बदलते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार सीता सोरेन को खजाने का मालिक तो बना दी थी लेकिन चाभी अपने पास रख ली थी। उन्होंने जामा से बीजेपी को 50 हजार लीड देने की बात कही।
इस मौके पर एसटी मोर्चा जिलाध्यक्ष विमल मरांडी, विधानसभा संयोजक इंद्रकांत यादव, मनोज हांसदा, हरीश मरांडी, दुर्योधन राय, जगलाल राय, रामलोचन मरीक, हराधन मरीक, गफ्फार खां, राजेन्द्र मरीक, राजेश खिरहर, मनोज सोरेन, दिलेश्वर हांसदा, राजेन्द्र मरांडी, अजय मरांडी, दिलीप मांझी, देवेन्द्र मांझी आदि कार्यकर्ता मौजूद थे।
रिपोर्ट- बीरबल कुमार दर्वे