देवघर (शहर परिक्रमा)

देवघर: रामनवमी रंगभरो प्रतियोगिता में देवघर से अंश, राशि जबकि दुमका से सौम्य एवं पीहू अव्वल

हिन्दू पंचांग के अनुसार चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि के दिन रामनवमी का त्योहार मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इसी दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को रामजन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। राम जी के जन्म पर्व के कारण ही इस तिथि को रामनवमी कहा जाता है। स्थानीय ओमसत्यम इंस्टीट्यूट ऑफ फिल्म, ड्रामा एंड फाइन आर्ट्स तथा विवेकानंद शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान के युग्म बैनर तले सर्वसाधारण के लिए रंगभरो प्रतियोगिता का आयोजन देश के कई जगहों में हुआ था।

आज देवघर व दुमका जिला का परिणाम की घोषणा की गई। देवघर जिला से देवघर संत फ्रांसिस स्कूल के अंश राज को प्रथम, ब्राइट कैरियर स्कूल की राशि कुमारी को द्वितीय जबकि मधुपुर की सुतपा कुमारी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। दुमका जिला से सैक्रेड हार्ट स्कूल के सौम्य सौर्य को प्रथम, किंडर रोज प्ले स्कूल की पीहू प्रिशा को द्वितीय एवं शिकारीपाड़ा के रोशन कुमार को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। सभी स्थानीय विजेताओं को आगामी बारह मई को वेक्सो इंडिया के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव एवं अन्य के करकमलो से दीनबंधु उच्च विद्यालय के रवींद्र सभागार में पुरस्कृत किया जायेगा। राम नवमी के संदर्भ में डॉ. प्रदीप ने कहा- भगवान राम को विष्णु का अवतार माना जाता है। धरती पर असुरों का संहार करने के लिए भगवान विष्णु ने त्रेतायुग में श्रीराम के रूप में मानव अवतार लिया था। भगवान राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने अपने जीवनकाल में कई कष्ट सहते हुए भी मर्यादित जीवन का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने विपरीत परिस्थियों में भी अपने आदर्शों को नहीं त्यागा और मर्यादा में रहते हुए जीवन व्यतीत किया। इसलिए उन्हें उत्तम पुरुष का स्थान दिया गया है। इस दिन विशेष रूप से भगवान राम की पूजा अर्चना और कई तरह के आयोजन कर उनके जन्म के पर्व को मनाते हैं। वैसे तो पूरे भारत में भगवान राम का जन्मदिन उत्साह के साथ मनाया जाता है लेकिन खास तौर से श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में इस पर्व को बेहद हर्षोल्ललास के साथ मनाया जाता है। रामनवमी के समय अयोध्या में भव्य मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दूर से भक्तगणों के अलावा साधु-संन्यासी भी पहुंचते हैं और रामजन्म का उत्सव मनाते हैं।