दुमका: पीएचडी शोधार्थियों को अब दो बार रिव्यु प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा
दुमका: सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका से अब पीएचडी करने के लिए शोधार्थियों को अब कड़ी रिव्यु प्रक्रिया से होकर गुजरना पड़ेगा। विश्वविद्यालय के डीएसडब्लू डॉ. जैनेन्द्र यादव ने राजभवन से प्राप्त एक पत्र के आलोक इस बाबत एक पत्र विश्वविद्यालय के सभी विभागाध्यक्षों को लिखा है। उक्त पत्र के माध्यम से सभी स्नातकोतर विभागों के विभागाध्यक्ष को निर्देशित किया गया है कि विभागीय डिपार्टमेंट रिसर्च काउंसिल और विश्वविद्यालय एथिकल कमिटी पीएचडी प्री सबमिशन सेमीनार से पहले और बाद में थीसिस को रिव्यु करेंगे और रिव्यु के बाद मौलिकता का प्रमाण पत्र देंगे। साथ ही साथ अब शोधार्थी और रिसर्च गाइड को भी शोध कार्य में मौलिकता का प्रमाण पत्र थीसिस के साथ संलग्न होगा तभी पीएचडी डिग्री दी जाएगी।
उक्त कदम विश्वविद्यालय द्वारा राजभवन से प्राप्त एक पात्र के आलोक में साहित्य चोरी को रोकने के लिए उठाया गया है। साहित्य चोरी को यूजीसी ने अपने अलग-अलग नोटिफिकेशन में रोकने का बात किया है। वर्तमान में साहित्यिक चोरी को पता लगाने के लिए विश्वविद्यालय में उरकुंद सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जाता है लेकिन विश्विध्यालय बहुत जल्द इनसें भी एडवांस सॉफ्टवेयर टर्निटिन खरीदने की तैयारी कर रही है। उक्त सॉफ्टवेयर न केवल साहित्य चोरी का प्रतिशत बताता है, बल्कि किस स्रोत से लिया गया है, यह भी बताता है। यूजीसी द्वारा साहित्य चोरी को रोकने के लिए साहित्यिक चोरी और यूजीसी विनियम, 2018 बनाया गया है। उक्त अधिनियम के अनुसार साहित्य चोरी को प्रतिशत के आधार पर कुल चार श्रेणियों में बांटी गई है जिसमें से तीन श्रेणियों में रिसर्च स्कॉलर और रिसर्च गाइड के लिए दंड का भी प्रावधान किया गया है।
साहित्यिक चोरी और यूजीसी विनियम, 2018 के अनुसार श्रेणियाँ और दंड:
स्तर शून्य: 10 प्रतिशत तक समानता – कोई दंड नहीं
प्रथम स्तर: साहित्यिक चोरी 10 से 40 प्रतिशत तक समानता- शोधार्थी से थीसिस और शोध प्रबंध वापस लेने के लिए कहा जायेगा और 6 महीने के अंदर पुनः संशोधित स्क्रिप्ट प्रस्तुत करने कहा जायेगा।
द्वितीय स्तर: साहित्यिक चोरी 40% से 60% तक समानता –
(1) शोधार्थी को थीसिस/ शोध प्रबंध वापस लेने के लिए कहा जाएगा और एक वर्ष के बाद ही संसोधित थीसिस/ शोध प्रबंध जमा के लिए निर्देशित किया जायेगा।
(2) रिसर्च गाइड का एक वार्षिक वेतन वृद्धि के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा और गाइड को किसी भी नए स्कॉलर का पर्यवेक्षक बनने की अनुमति दो वर्षों के लिए नहीं दी जाएगी।
तृतीय स्तर: साहित्यिक चोरी 60% या अधिक समानता-
(1) शोधार्थी को थीसिस/ शोध प्रबंध वापस लेने के लिए कहा जाएगा और शोधार्थी के पंजीकरण को रद्द कर दिया जाएगा।
(2) रिसर्च गाइड का दो वार्षिक वेतन वृद्धि के अधिकार से वंचित कर दिया जाएगा और गाइड को किसी भी नए स्कॉलर का पर्यवेक्षक बनने की अनुमति तीन वर्षों के लिए नहीं दी जाएगी।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो डॉ बिमल प्रसाद सिंह ने कहा कि साहित्यिक चोरी को रोकने के लिए विश्वविद्यालय बहुत जल्द एडवांस सॉफ्टवेयर टर्निटिन खरीदने जा रही है। साहित्यिक चोरी और यूजीसी विनियम, 2018 का समुचित पालन के लिए विश्वविद्यालय स्तरीय एथिकल कमिटी की पुनर्गठन किया जायेगा।
रिपोर्ट- आलोक रंजन