कोडरमा: डीएवी के जलदूतों ने जल संरक्षण के लिए लोगों को किया जागरूक
डीएवी पब्लिक स्कूल, झुमरी तिलैया, कोडरमा के बच्चों ने जल है तो कल है इस कथन को जन-जन तक पहुँचाया
सीबीएसई के निर्देशानुसार सरकुलर 38 के तहत विद्यालय में जल शक्ति अभियान, कैच द रेन के तहत जलदूत प्रोग्राम करवाया गया । इस अभियान में कक्षा आठवीं से बारहवीं के बच्चे अति उत्साहित होकर भाग लिए ।वे जल दूत बनाकर अपने आस-पास के लोगों को जल संरक्षण के प्रति सचेत किया । उन्होंने विशेष तौर पर समाज की महिलाओं को जल के सदुपयोग एवं जल संरक्षण अर्थात् व्यर्थ में जल की बर्बादी न करने के लिए प्रेरित किया । डीएवी के जल दूत बनकर अन्वी भदानी, कुमारी अनन्या, सौहार्द सरकार, तन्मय, कपिल, सक्षम आनंद आदि बच्चे घर-घर जाकर जल संरक्षण के प्रति लोगों में चेतना जगाई ।जल शक्ति अभियान ‘कैच द रेन ‘के पर प्रोजेक्टर के माध्यम से बच्चों को एक अनूठा प्रदर्शन दिखाया गया ।जिससे बच्चे बहुत ही लाभान्वित हुए । विद्यालय की शिक्षिका सुभाश्री रथ ने एक कार्यशाला के माध्यम से बच्चों को जल संरक्षण के फायदे बताए ।इसका उद्देश्य जल बचाओ कार्यक्रम को एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन बनाना है ताकि हमारा पर्यावरण भी संरक्षित रह सके । इस अभियान के तहत अंकिता रानी ने कविता प्रस्तुत किया, आकांक्षा ने भाषण के माध्यम से जल के महत्त्व को समझाया । उपांशु राज ने रेनवाटर हार्वेस्टिंग के लिए एक मॉडल बनाकर वर्षा के जल संचयन करने तथा इसके प्रयोग से अवगत करवाया। कुमुद और आरोही आदि ने पोस्टर बनाया । दीपिका कुमारी, स्वर्ण आदित्य, उपांशु राज, देव कुमार, निवृत्ति, उत्कर्ष गर्ग, सान्वी, कृष्ण तथा मयंक अग्रवाल ने प्रेरक श्लोगन लिखे। कुमुद, रिया, किश्लय, रुद्र, आरोही, साधना, अंजलि, सक्षम, अनमोल, निष्ठा, अंजलि प्रिया, सारा, मान्या, विद्यांश, अंश आदि अनेक बच्चे प्राचार्य के साथ मिलकर वृक्षारोपण किया।
प्राचार्य ने बच्चों को वृक्षारोपण के अनेक फायदे भी बताए । उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग से बचने, जल का संरक्षण तथा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए इसे महत्त्वपूर्ण बताया। आराध्या एवं उसके समूह ने मूक अभिनय (माइम ) द्वारा जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया एवं जल के अभाव में होनी वाली परेशानियों को बताया ।
इस अभियान के संचालक एवं सभी के प्रेरणा स्रोत विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने जल संरक्षण को विश्वव्यापी अभियान बताया । उन्होंने कहा कि पानी बचाना इस धरती पर रहने वाले हर इंसान की सार्वभौमिक जिम्मेदारी होनी चाहिए ।जल संकट का समाधान जल संरक्षण से ही संभव है । जीवन के प्रत्येक कार्य में जल की आवश्यकता होती है । पृथ्वी पर उपलब्ध एक बहुमूल्य संसाधन है जल ।जिसकी सुरक्षा प्रत्येक नागरिक की सर्वप्रथम जिम्मेदारी है क्योंकि जल ही जीवन है।
कार्यक्रम को सफल बनाने में मौसुमी मल्लिक, श्वेता सिंह, लक्ष्मी कुमारी, सुभाश्री रथ, शिल्पी गुप्ता, आनंदी प्रसाद एवं लक्ष्मी कुमारी नेअपना महत्त्वपूर्ण योगदान दिया ।