दुमका (शहर परिक्रमा)

वैशाख महीने में है बाबा बासुकीनाथ मंदिर में पांच दिवसीय धरना का विशेष धार्मिक महत्ता

बासुकीनाथ: प्रत्येक वर्ष बिहार और झारखंड के विभिन्न जिलों से वैशाख महीना में बाबा बासुकीनाथ मंदिर में पांच दिवसीय धरना देने और सेवा करने सैकड़ों महिलाएं बासुकीनाथ पहुंचती है। अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति एवं अनुशासनिक धार्मिक महत्वों का पालन करने सेवा भाव से झारखंड के दुमका, देवघर, जामताड़ा, साहेबगंज, गोड्डा एवम बिहार के बांका,भागलपुर,जमुई,मुंगेर एवम अन्य जिलों से सैकड़ों श्रद्धालु महिलाओं का आगमन शिव नगरी बासुकीनाथ में होता है। आगंतुक श्रद्धालु महिलाएं पांच दिन नेम निष्ठा से फलाहार में रहकर निशी दिन बाबा बासुकीनाथ की सेवा करती हैं। इन धरना धारी महिलाओं के पांच दिवसीय धरना के दिनचर्या में प्रतिदिन तीन बजे सुबह मंदिर परिसर में झाड़ू देना, शिवगंगा सरोवर में आस्था की डुबकी लगाकर शिवगंगा से मंदिर तक दंड देना और फिर बेलपत्र, फूल, माला और जल लेकर बाबा बासुकीनाथ का पूजा अर्चना करना, शिव चर्चा करना,दोपहर में फलाहार करना। पुनः संध्या चार बाजे के बाद मंदिर परिसर में झाड़ू लगाना, शाम में शिवगंगा सरोवर में स्नान कर सभी मंदिरों में शुद्ध घी के दीपक जलाना और बाबा बासुकीनाथ का रात्रि पूजन करना ये पांच दिवसीय दिनचर्या में शामिल है। पांच दिवसीय सेवा के बाद अपने अपने घर को प्रस्थान करना। प्रत्येक वर्ष वैशाख माह के शुक्लपक्ष में महिलाओं का आगमन धरना देने और बाबा बासुकीनाथ की पूजा करने के लिए होता है सैकड़ों महिलाएं हाथ में झाड़ू लिए एक साथ मंदिर परिसर को बुहारने का दृश्य अलौकिक होता है। इन महिलाओं का बाबा बासुकीनाथ के प्रति भक्ति देखते ही बनती है।

रिपोर्ट- शोभाराम पंडा