कोडरमा: डीएवी में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर बच्चों ने लोगों को किया जागरूक
12 जून को डीएवी पब्लिक स्कूल झुमरी तिलैया,कोडरमा में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर बच्चों ने विविध कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। बच्चों ने कार्यक्रमों के द्वारा दिखाया कि बाल श्रम एक बहुत बड़ा अपराध है। हमें इस पर अंकुश लगाने के लिए लोगों को जागरूक करना अत्यंत आवश्यक है। इससे बच्चों का बचपन छिन जाता है और वे कुण्ठा से ग्रसित हो जाते हैं।
इस अवसर पर 9 ए की दिव्या राणा , अदिति सिंह, इशिका यादव, आयुषी रानी, क्रीती कुमारी, आराध्या राज 10 डी की नंदिनी भास्कर,लावन्या सिन्हा, ,पल्लवी ,7 ए की आकृति सिंह, 8 सी की पल्लवी ने सुंदर व आकर्षक पोस्टर बनाकर लोगों को बाल श्रम रोकने के लिए तथा बच्चों को बचपन में काम न कराकर विद्यालयों में पढ़ने के लिए भेज कर उनका भविष्य संवारने के लिए अभिप्रेरित किया। वहीं पर ग्यारहवीं विज्ञान वर्ग की चंद्रिमा कुमारी, वाणिज्य वर्ग की अतिथि कुमारी,8 सी वैष्णवी , 9 ए कुंदन कुमार एवं 10 डी की लावन्या सिंह ने अंग्रेजी एवं हिन्दी में विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर वक्तव्य दिया। आकृति , दिव्या राना एवं विष्णु गोविंल ने सुंदर व प्रेरणादायक स्लोगन लिखकर लोगों को बाल श्रम न करने के लिए दिशा निर्देशित किया।
मौके पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर बच्चों द्वारा दिए गए कार्यक्रमों की भूरि -भूरि प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इस दिवस को मनाने का उद्देश्य बाल श्रम की भयावहता के प्रति जागरूकता बढ़ाना और उसके उन्मूलन के लिए सामूहिक प्रयासों को प्रोत्साहित करना है। आज विश्व में असंख्य बच्चे शिक्षा और सुरक्षित बचपन के अधिकार से वंचित हो रहे हैं। हमें उनका उचित मार्गदर्शन करना चाहिए।हमें उन बच्चों पर भी ध्यान देना चाहिए जो मजबूरन बाल मजदूरी का शिकार होकर शिक्षा से वंचित रहकर अपने बचपन को खोकर अपने भविष्य को अंधकारमय बना रहे हैं। बाल श्रम एक गंभीर समस्या है जो बच्चों को उनकी मासूमियत ,अधिकारों और सामान्य बचपन से वंचित करता है। उनका शोषण कर उन्हें खतरनाक परिस्थितियों में काम करने के लिए मजबूर किया जाता है।बच्चे राष्ट्र के भावी निर्माता होते हैं। इस भावी पीढ़ी के सर्वांगीण विकास की जिम्मेदारी राष्ट्र के साथ-साथ हम सब की है। हमें उन्हें बाल श्रम से मुक्त कराकर शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराने में सार्थक कदम उठाना चाहिए जिससे उनका भविष्य उज्ज्वल हो सके। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के शिक्षक जयदेव आचार्या, बलराम मिश्रा सुजीत कुमार राणा एवं चांदनी दूबे का योगदान सराहनीय रहा।