देवघर ऐम्स में प्रो. वार्षणेय सहित सात चिकित्सकों को ‘डॉ. बिधान चन्द्र राय स्मृति पुरस्कार’
हमारी पूरी चेष्टा रहेगी कोई भी व्यक्ति यहाँ से निराश होकन लौटें : सौरभ वार्ष्णेय
डॉ॰ बिधान चंद्र राय चिकित्सक तथा स्वतंत्रता सेनानी थे। उनके जन्मदिन 1 जुलाई को भारत मे ‘चिकित्सक दिवस’ के रूप मे मनाया जाता है। स्थानीय साइंस एंड मैथेमेटिक्स डेवेलोपमेंट आर्गेनाईजेशन तथा विवेकानंद शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान के युग्म बैनर तले साप्ताहिक राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाया जा रहा है। इसी के अंतर्गत आज देवघर एम्स में सात चिकित्सकों को साइंस आर्गेनाईजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. जय चंद्र राज, राष्ट्रीय सचिव डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव, वेक्सो इंडिया के संरक्षक प्रो. रामनंदन सिंह के करकमलों से ‘डॉ. बिधान चन्द्र राय स्मृति पुरस्कार’ की मानद उपाधि से अलंकृत एवं विभूषित की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार देवघर एम्स के एक्सेकुटिव डायरेक्टर सह सीईओ प्रो.(डॉ) सौरभ वार्षणेय, प्रोफेसर एंड हेड जेनरल सर्जरी, मेडिकल सुपरिटेंडण्डेंट प्रो.(डॉ) सत्य रंजन पात्र, एसोसिएट प्रोफेसर, जेनरल सर्जरी, डीएमएस प्रथम डॉ. राजेश कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर, जेनरल सर्जरी डॉ. निशित रंजन, एसोसिएट प्रोफेसर, जेनरल सर्जरी डॉ. निरंजन कुमार, अतिरिक्त प्रोफेसर, पीडियात्रिक सर्जरी, डॉ. संदीप कुमार राहुल एवं असिस्टेंट प्रोफेसर, सीटीवीएस, डीएमएस द्वितीय
डॉ. रजत अगरवाल को सम्मानित किया गया। मौके पर डॉ. सौरभ वार्षणेय ने कहा – हमारी पूरी चेष्टा रहेगी, देवघर को रोगमुक्त रखें, साथ ही कोई भी व्यक्ति यहाँ से निराश होकन लौटें। डॉक्टरों का पेशा बहुत ही महान है। इसके अलावा, वे व्यापक ज्ञान और उपकरणों से लैस हैं जो उन्हें सही प्रक्रियाओं के साथ अपने रोगियों का निदान और उपचार करने में सक्षम बनाते हैं। डॉ. देव ने कहा- दुनिया भर में डॉक्टरों को भगवान के बाद दूसरा दर्जा दिया जाता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे जीवन रक्षक होते हैं जो मानवता के लिए अथक परिश्रम करते हैं। इसके अलावा, डॉक्टर बनना सबसे ज़्यादा मांग वाले व्यवसायों में से एक माना जाता है। लोग चाहते हैं कि उनके बच्चे डॉक्टर बनें और वे कम उम्र से ही उनमें यह सपना भर देते हैं। डॉ. राज ने कहा -भारतीय डॉक्टर दूसरे देशों के डॉक्टरों की तुलना में कितने दानशील हैं। भारत एक परम्परागत देश रहा है, इसलिए हमारी संस्कृति में गुण बहुत गहराई से समाए हुए हैं। यह बात देश के चिकित्सा परिदृश्य में भी झलकती है। रामनंदन ने कहा-भारत में चिकित्सा की स्थिति पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। भारत से निकले डॉक्टर विदेशों में भी नई ऊंचाइयों को छू रहे हैं। लेकिन जब हम देश के अंदर चिकित्सा की स्थिति की बात करते हैं तो हम पाते हैं कि यह काफी चिंताजनक है। पूरे कार्यक्रम में डॉ. स्नेहलता एवं किरण जी की अहम् भूमिका रही।