देवघर (शहर परिक्रमा)

देवघर: मैट्रिक एवं इंटर के 16 सफल प्रतिभागियों को स्वामी विवेकानंद टैलेंट अवार्ड

स्थानीय विवेकानंद शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान एंड साइंस एंड मैथेमेटिक्स डेवेलपमेंट आर्गेनाईजेशन के युग्म बैनर तले, साप्ताहिक स्वामी विवेकानंद की पुण्यतिथि के अवसर पर सात जुलाई को होटल न्यू ग्रैंड स्थित सिद्धि विनायक बैंक्वेट हॉल के भव्य सभागार में केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ़ सेकेंडरी एजुकेशन, झारखण्ड अधिविद्य परिषद्, पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड एवं अन्य बोर्ड के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक परीक्षा – 2024 में उत्तीर्ण होने वाले 16 सफल विद्यार्थियों को विश्व भारती विश्वविद्यालय, शांति निकेतन के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. सुभाष चंद्र राय, मैत्रेया स्कूल की प्राचार्या विनीता मिश्रा, देवघर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष रवि केशरी, साइंस आर्गेनाईजेशन के राष्ट्रीय सचिव, आईकन ऑफ झारखण्ड पुरस्कार विजेता डॉ. जय चन्द्र राज, विवेकानंद संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव, संरक्षक प्रो. रामनंदन सिंह व अन्य अतिथियों के करकमलों से माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक में इस वर्ष 85 प्रतिशत एवं उससे अधिक अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को स्वामी विवेकानंद टैलेंट अवार्ड की मानद उपाधि से अलंकृत की गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार जसीडीह संत फ्रांसिस स्कूल के प्रियांशु राज, आशुतोष बालिका उच्च विद्यालय, रोहिणी की खुशी पांडेय, आगरपाड़ा स्वामी विवेकानंद, कोलकाता की समृद्धि सिंह, डीएवी मॉडल स्कूल, दुर्गापुर, बर्धमान, पश्चिम बंगाल के आशुतोष कुमार, माउंट लिटेरा जी स्कूल के समीर वत्सल, देवघर संत फ्रांसिस स्कूल के अभिज्ञान, सनराइज द्वारिका ऐकैडेमी की सोनम श्री, ब्लू बेल्स स्कूल की सृष्टि शिखा, नैन्सी प्रिया, प्राची कुमारी, प्रिन्सी कुमारी बर्णवाल, राम मन्दिर बीपीजे उच्च विद्यालय की सौम्या वर्मा, पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय, रिखिया के नयन कुमार, मॉडर्न पब्लिक स्कूल, सरसा की अर्चना कुमारी, देवसंघ नेशनल स्कूल की सुस्मि बनर्जी एवं देवघर संत फ्रांसिस स्कूल के दिव्यांशु सत्यम को स्वामी विवेकानंद टैलेंट अवार्ड की मानद उपाधि से अलंकृत की गई। कार्यक्रम की सफलता के लिए रामकृष्ण मिशन एवं रामकृष्ण मठ के अध्यक्ष स्वामी गौतमानंद जी महाराज, पत्र के माध्यम अपनी शुभकामना प्रेषित की थी।

मौके पर डॉ. सुभाष ने कहा – स्वामी विवेकानंद ने पुरोहितवाद, ब्राह्मणवाद, धार्मिक कर्मकाण्ड और रूढ़ियों की खिल्ली भी उड़ायी और लगभग आक्रमणकारी भाषा में ऐसी विसंगतियों के खिलाफ युद्ध भी किया। डॉ. राज ने कहा -उन्नीसवीं सदी के आखिरी वर्षोँ में विवेकानन्द लगभग सशस्त्र या हिंसक क्रान्ति के जरिये भी देश को आजाद करना चाहते थे। परन्तु उन्हें जल्द ही यह विश्वास हो गया था कि परिस्थितियाँ उन इरादों के लिये अभी परिपक्व नहीं हैं। पूरे कार्यक्रम में आराध्या प्रिया, खुशी पांडेय, अनुप्रिया कुमारी, आयुषी अन्या अंजलि सिन्हा व अन्य ने अहम् भूमिका निभाई।