दुमका: पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा ने विधानसभा स्पीकर को सौंपा मांग पत्र, कहा ओबीसी को मिले समुचित अधिकार
दुमका: पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा संताल परगना के एक प्रतिनिधिमंडल ने कुंडहित में झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविन्द्र नाथ महतो को ज्ञापन सौंप कर पिछड़ा वर्ग को समुचित अधिकार दिलाने का आग्रह किया। प्रतिनिधि मंडल में मोर्चा के केंद्रीय प्रधानमहासचिव डॉ अमरेन्द्र कुमार यादव, कोषाध्यक्ष अजित कुमार मांझी, बुद्धिजीवी मंच के बिहारी यादव, जयकांत जायसवाल और पवित्र कुमार मंडल शामिल थे।
केंद्रीय अध्यक्ष असीम मंडल एवं कई अन्य पदाधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में कहा गया है कि झारखंड गठन के बाद से ही दुमका सहित 7 जिलों में लातेहार, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम में पिछड़ा वर्ग का आरक्षण शून्य कर दिया गया है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। हालांकि झारखंड सरकार द्वारा जातिगत जनगणना कराने के निर्णय का मोर्चा ने स्वागत किया है।
पिछड़ा वर्ग संघर्ष मोर्चा संताल परगना का 8 सूत्री मांग
(1) जातिगत जनगणना करा कर अविलंब पिछड़ों को आबादी के अनुरूप आरक्षण देने।
(2) पिछड़ा वर्ग आयोग के अनुशंसा के आलोक में तत्काल दुमका सहित झारखंड राज्य में पिछड़ा वर्ग को 36% आरक्षण देने।
(3) झारखंड सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग अंतर्गत झारखंड क्षेत्रीय कार्यकर्ता प्रतियोगिता परीक्षा के लिए 510 पदों की नियुक्ति हेतु विज्ञापन निकाला गया है ,जिसमे बीसी 2 को निर्धारित 6% की जगह मात्र 1.5% आरक्षण दिया गया है। नियमानुसार 510 रिक्ति में 30 पद पर बीसी 2 के लिए मात्र 7 पद पर आरक्षित करना कहीं न कहीं बड़ी साज़िश की बु आती है। इसकी जाँच करा कर उचित कार्रवाई करने।
(4) प्रतियोगिता परीक्षाओं में छात्र छात्राओं को प्रताड़ित करने के उद्देश्य से 300 से 400 किलोमीटर दुर परीक्षा केन्द्र दिया जाता है, इसमें सुधार कर अपने गृह जिला के बगल के जिला में दिया जाना चाहिए।
(5) ट्रिपल टेस्ट करा कर ही नगर निकाय चुनाव शीघ्र करायें।
(6) दुमका जिला में पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए छात्रवास की व्यवस्था करने।
(7) पंचायत को इकाई मानकर अनुसूचित क्षेत्रों का निर्धारण करते हुए सभी एकल्प पदों का आरक्षण सुनिश्चित किया जाए ताकि पिछड़ी जातियों को भी मुखिया, प्रमुख एवं जिला परिषद का अध्यक्ष बनने का मौका मिले।
(8) प्रत्येक पंचायतों में हाई स्कूल और प्रखडों में डिग्री कॉलेज का निर्माण कराने की मांग शामिल है।
रिपोर्ट- आलोक रंजन