कोडरमा: डीएवी में हिरोशिमा दिवस पर संवेदना प्रकट किया गया
डीएवी पब्लिक स्कूल झुमरी तिलैया,कोडरमा में हिरोशिमा दिवस पर प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी द्वितीय विश्व युद्ध की दु:खद घटना को याद करके मृतकों के प्रति बच्चों ने संवेदना प्रकट की। इस अवसर पर 9 बी के वंश कपूर ने अंग्रेजी में एवं 7 बी की अन्वी सेठ ने हिंदी में जापान के खूबसूरत शहर हिरोशिमा की विध्वंसकारी घटना पर अपना वक्तव्य दिया। हिंदी में कविता 7 बी की सभ्यता सिंह ने तथा अंग्रेजी में कविता 7 बी की आराध्या सिंह ने प्रस्तुत की। प्रश्नोत्तरी 5 बी की अनुष्का गुप्ता ने पूछा। 6 ए की स्नेहा एवं 6 बी की नंदनी कुमारी ने शिव तांडव नृत्य किया।
मौके पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने हिरोशिमा बम विस्फोट में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बम विस्फोट की इस दु:खद घटना ने पूरे विश्व को झकझोर कर रख दिया था। 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के दो खूबसूरत शहरों हिरोशिमा और नागासाकी पर विध्वंसकारी, शक्तिशाली बम से विस्फोट कर भारी तबाही मचाई थी। इस दिन हिरोशिमा शहर में पीड़ितों के प्रति सांत्वना व्यक्त किया जाता है तथा स्थायी विश्व शांति के लिए प्रार्थना किया जाता है। परमाणु बम अन्य विध्वंसकारी बमों की अपेक्षा में बहुत शक्तिशाली होते हैं। इसका प्रयोग किसी भी देश को विषम से विषम परिस्थितियों में भी कभी नहीं करना चाहिए। इस बम विस्फोट से जापान के खाद्य संसाधनों का एक बड़ा हिस्सा और नौसेना का अधिकांश हिस्सा नष्ट हो गया था। इससे जापान को भारी जान माल का नुकसान हुआ था। हिरोशिमा और नागासाकी शहर में बम विस्फोट के दुष्प्रभाव से मानव समुदाय और पर्यावरण पर गंभीर प्रभाव पड़ा है । आज भी इतने वर्षों के बाद वहां पर विकलांग संताने पैदा हो रही हैं। वहां की जमीनें आज भी बंजर एवं निष्क्रिय हैं ।
प्राचार्य ने कहा कि हिरोशिमा और नागासाकी शहर में अमेरिका द्वारा गिराए गए भयंकर बम विस्फोट से होने वाली तबाही की भरपाई आज तक भी नहीं हो पाई है। शिक्षा और विज्ञान का प्रयोग विश्व शांति एवं मानव कल्याण के लिए होना चाहिए विनाश के लिए नहीं। हमारा दृष्टिकोण हमेशा सकारात्मक दिशा में होना चाहिए।