दुमका: सीडब्ल्यूसी ने तीन बच्चों को अपने देखभाल व संरक्षण में लिया
दुमका: बाल कल्याण समिति को शनिवार की शाम 4 बजे बालगृह (बालिका) की प्रभारी ने सूचना दी कि वर्ष 2022 में आवासित की गयी और छूट्टी लेकर अपने घर गयी थी। 13 वर्षीय बालिका की बड़ी बहन बीमार है जिस कारण वह उसकी देखभाल में लगी है। यह भी बताया गया कि उक्त बालिका, उसकी बड़ी बहन, छोटी बहन और छोटे भाई का देखभाल करनेवाला कोई नहीं है। उनकी मां चार वर्ष पूर्व ही कहीं चली गयी है और पिता भी परिवार के साथ नहीं रहते हैं। पिता दूसरे राज्य में रहते हैं और उन्होंने वहां दूसरी शादी कर ली है जिससे वहां भी उसके चार बच्चे हैं। यह भी बताया गया कि इन चारों बच्चों को दो समय का भोजन भी ठीक से नहीं मिल पा रहा है। समिति ने तत्काल इस मुद्दे पर बैठक की और बड़ी बहन को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करवाने एवं अन्य तीनों बच्चों को बालगृह में आवासित करने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के आलोक में शनिवार की शाम समिति द्वारा जिला बाल संरंक्षण पदाधिकारी (डीसीपीओ) प्रकाश चंद्र को पत्र जारी कर आदेश दिया गया कि 48 घंटे के अंदर 15 वर्षीय बालिका को इलाज के लिए दुमका के फूलो झानो मेडिकल कालेज अस्पताल (पीजेएमसीएच) में भर्ती करवाया जाये और अस्पताल से छूट्टी मिलने पर उसे समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाये। अन्य तीनों बच्चों को तत्काल समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया। समिति के आदेश एवं डीसीपीओ के निर्देश पर रविवार को बालगृह (बालिका), धधकिया, दुमका की प्रभारी कुमारी अर्पणा, रूचिका कुमारी, उर्मिला दास, बालगृह (बालक) के प्रभारी संजु कुमार, चाइल्ड हेल्पलाइन के निक्कु कुमार व निशा कुमारी समेत बाल संरक्षण की टीम रविवार को बालिका के घर पहुंची और सिविल सर्जन डा बच्चा प्रसाद सिंह के सहयोग से एंबुलेंस मंगवा कर बीमार बच्ची को अस्पताल लेकर पहुंचे। रविवार को अपराह्न में डीसीपीओ ने सूचना दी कि समिति के आदेश के अनुपालन में दुमका के मुफस्सिल थाना क्षेत्र में रहनेवाली बालिका की 15 वर्षीय बड़ी बहन को स्लाइन व सपोर्ट सिस्टम के साथ एंबुलेंस से दुमका के पीजेएमसीएच लाया गया जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया है। सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन डा अमरेन्द्र कुमार ने बताया कि बालिका के मृत्यु की सूचना उसके पिता को दे दी गयी है। समिति ने बालिका के शव का पोस्टमार्टम करवाने, शव परिजनों को सौंपने और अंतिम संस्कार की व्यवस्था करने का डीसीपीओ को आदेश दिया है। समिति के आग्रह पर सामाजिक कार्यकर्ता सच्चिदानंद सोरेन बालिका के गांव गये हैं और वह लगातार उसके परिजनों एवं समाज के लोगों के संपर्क में रहकर शव के अंतिम संस्कार की व्यवस्था में लगे हैं। रविवार को ही चाइल्ड हेल्पलाइन के माध्यम से 13 वर्षीय बालिका, उसकी 8 वर्षीय बहन और 4 वर्षीय भाई को बालगृह में आवासित करा दिया गया है। तीनों बच्चों की देखभाल और संरक्षण समिति करेगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि 2022 में उक्त 11 वर्षीय बालिका घर से भाग गयी थी जिसे समिति ने बालगृह में आवासित कर रखा था। समिति के प्रयास से 13 वर्षीय बालिका का कस्तुरबा विद्यालय में नामांकन के लिए चयन हो चुका है। उसका नामांकन करवाने के लिए ही बालगृह की प्रभारी उसके घर गयी थी तो उसकी बड़ी बहन के बीमार होने की जानकारी मिली।
रिपोर्ट- आलोक रंजन