दशलक्षण महापर्व का आज आठवां दिन
देवघर: आज दशलक्षण महापर्व का आठवां दिन उत्तम त्याग धर्म का दिन है। आज का प्रथम अभिषेक व शांतिधारा -प्रेमचंद जैन प्रीतम जैन उत्तम जैन और हर्षित,उमंग,आर्यन ने की इसके बाद आरती,सामुहिक पूजन,पंच परमेष्ठी पूजन दशलक्षण पूजन,उत्तम त्याग धर्म पूजन, शाम में आरती, शास्त्र वाचन हुआ।
शास्त्र वाचन में आज उत्तम त्याग धर्म के बारे में बताया गया जिसमें पंडित ज्ञानचंद जैन ने बताया कि जितना छूटेगा उतना दु:ख मिटेगा,भगवान श्री आदिनाथ से महावीर तक 24 तीर्थंकरों ने मात्र छोड़ा ही है परिणाम स्वरूप उन्हें मुक्ति मिली,अंतरंग से उत्पन्न हुआ त्याग,वस्तु को पाने की आकांक्षा से रहित होता है ‘ भगवान महावीर ने त्यागना सिखाया,मांगना नहीं ‘ तीर्थंकर आदिनाथ लेकर भगवान महावीर तक को भी सांसारिक सुखों में कोई कमी नहीं थी फिर भी उसमें सु:ख नजर नहीं आया क्योंकि वह जानते थे बाह्य सामग्री सुविधा दे सकती है सु:ख नहीं,उत्तम त्याग भावना के बिना मुक्ति मार्ग संभव नहीं अर्थात तृष्णा क्रोध,मान,माया,और लोभ का त्याग आवश्यक है यही उत्तम त्याग धर्म का सार है।
ग्रहस्थ के लिए उत्तम त्याग का मतलब दान से भी है जो चार प्रकार के हैं:
पहला औषधि दान
दूसरा शास्त्र दान- विद्या शिक्षा का दान
तीसरा अभय दान- प्रत्येक जीवों की रक्षा अर्थात जीवनदान मरते जीव की रक्षा आदि),
चौथा आहार दान -साधु समाज गरीब दीन दु:खियों को भोजन आदि का दान ।
कार्यक्रम में स्थानीय जैन मंदिर के अध्यक्ष राजेश जैन मंत्री-सुरेश जैन पाटनी, कोषाध्यक्ष जुगल किशोर पाटनी के साथ सभी सदस्यों की उपस्थिति रही ।
संवाददाता: अजय संतोषी