तिलक सेवा समिति द्वारा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जयंती पर कवि सम्मेलन का आयोजन
आज तिलक सेवा समिति द्वारा राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर जयंती के अवसर पर श्रीकांत रोड स्थित एक विद्यालय के सभागार में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कवि सम्मेलन में जिले के प्रबुद्ध कवि एवं समाज के विभिन्न वर्गों से लोग उपस्थित थे। कवि सम्मेलन का उद्घाटन राष्ट्रकवि दिनकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीपक प्रज्वलन कर किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवानिवृत जिलाजज चंद्रशेखर पांडेय जी थे। वहीं समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हरे कृष्ण राय ने आगत अतिथियों का स्वागत करते हुए विषय प्रवेश के कराया।
अन्य अतिथियों में समाजसेवी सूरज झा, प्रधान संरक्षक प्रोफेसर रामानंद सिंह, आगत विशिष्ट अतिथि द्वय अवधेश प्रजापति एवं श्री राजेन्द्र दास, तिलक सेवा समिति के केंद्रीय अध्यक्ष हरे कृष्ण राय इत्यादि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में उपस्थित शिक्षक डॉ विजय शंकर ने रामधारी सिंह दिनकर के कृतित्व और व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए कहां कि उर्वशी से लेकर परशुराम की प्रतीक्षा तक दिनकर की रचनाओं में साहित्य प्रेम और विद्रोह का दिग्दर्शन होता है। जरूरत है आज के समय उसे जीवन में उतारने की।
डॉक्टर परशुराम तिवारी ने “सबसे बढ़कर कवि की सृष्टि ” कविता के तहत संपूर्ण चराचर जगत को कवि की लेखनी का प्रतिफल बताया।
इस कवि सम्मेलन में उपस्थित कवि फाल्गुनी मरीक कुशवाहा, बबन बदिया, धीरेन्द्र छतहारवाला, कपिल देव राणा, अशोक पाण्डेय, गणेश प्रसाद ऊमर, देव चटर्जी, जालेश्वर ठाकुर शौकीन, भोला गोस्वामी ने कविता के माध्यम से राष्ट्रवादी कवि रामधारी सिंह दिनकर का गुणगान किया। वहीं शिक्षक पंकज कुमार, प्रणव कुमार ने इतिहास और साहित्य का संयुक्त समावेश, वीर और श्रृंगार का अद्भुत परिपाक दिनकर जी के बारे में विस्तार से रखा।