लिंग आधारित हिंसा एवं बाल विवाह उन्मूलन हेतु मीडिया परामर्श कार्यशाला का आयोजन
सूचना एवं जनसंपर्क कार्यालय के सभागार में मीडिया परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया। मीडिया परामर्श कार्यशाला का उद्देश्य जिले में बाल विवाह एवं जेंडर आधारित हिंसा पर चर्चा-परिचर्चा एवं इन विषयों पर मीडिया एवं संबंधित हितधारकों की भूमिका पर प्रकाश डालना था।
कार्यशाला का आयोजन जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन, जिला प्रशासन, जिला समाज कल्याण कार्यालय, जिला जन सूचना एवं सम्पर्क विभाग और XISS-यूनिसेफ के सहयोग के साथ चेतना विकास अग्रिणी भूमिका में नजर आई।
मंचासीन जिला शिक्षा पदाधिकारी, जेएसएलपीएस के डीपीएम, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एवं सदस्य, मीडिया के वरिष्ठ पत्रकार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कार्यशाला का विधिवत शुरूआत किया।
तत्पश्चात कार्यशाला का आयोजन कर रही चेतना विकास की निर्देशिका रानी कुमारी ने बाल विवाह एवं जेंडर हिंसा से संबंधित आंकड़ों, कानूनों एवं विभिन्न पहलुओं पर सबका ध्यान आकर्षित किया।
इसके उपरांत जिला शिक्षा पदाधिकारी विनोद कुमार ने कहा कि बाल विवाह केवल एक समस्या नहीं है बल्कि इससे जुड़ी कई कूप्रथाएं मिलकर एक विकट समस्या बनाते हैं। उन्होंने विस्तार से शिक्षा और लैंगिक हिंसा पर भी अपनी बात रखी। वहीं जे.एस.एल.पी.एस. के पदाधिकारी ने ग्रामीण स्तर पर जेंडर सखी के विषय में जानकारी दी।
कार्यशाला में आए सभी मीडिया प्रतिनिधियों, डालसा के पैनल एडवोकेट्स, एन.जी.ओ. के प्रतिनिधि एवं अन्य हितधारकों ने इस विषय एवं इसके समाधान पर अपनी-अपनी बात रखी।
मौके पर मीडिया प्रतिनिधियों से आग्रह किया गया कि वे अपने प्रभावशाली प्लेटफॉर्म का उपयोग करते हुए बाल विवाह के खिलाफ एक सशक्त आवाज बनें। वहीं एक मीडिया साथी ने शिक्षित युवाओं का एक कैडर बनाने की सलाह दी जो बाल विवाह और जेंडर हिंसा पर ग्रामीण व वार्ड स्तर पर कार्य करे।
यूनिसेफ़ के जिला परियोजना समन्वयक नरेंद्र शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला का समापन किया गया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में चेतना विकास की टीम का महत्वपूर्ण सहयोग रहा।