कोडरमा (शहर परिक्रमा)

भारतीय भाषा उत्सव के रंग से सराबोर हुआ डीएवी का प्रांगण


कोडरमा: डीएवी पब्लिक स्कूल, झुमरी तिलैया में महान कवि सुब्रमण्यम भारती के जयंती के शुभावसर पर भारतीय भाषा उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर बच्चों ने भारत के विभिन्न राज्यों की भाषा, वेशभूषा, नृत्य, रहन-सहन, रीति- रिवाज, कला संस्कृति को अनेकता में एकता की थीम की प्रस्तुति देते हुए अपनी बौद्धिक एवं कलात्मक प्रतिभा दिखाई। हमारा देश अपने भौगोलिक क्षेत्र में असंख्य भाषाओं के सह अस्तित्व के माध्यम से अनेकता में एकता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करता है। इस अवसर पर चारों सदनों के बच्चों ने नृत्य, नाटक एवं वक्तव्य द्वारा भारतीय भाषा उत्सव के महत्व को दर्शाया । बच्चों ने 28 राज्यों की भाषा, नृत्य वेशभूषा एवं कला संस्कृति को प्रदर्शित करते हुए दिखाया कि हम सभी अलग-अलग राज्य के निवासी अवश्य हैं परंतु सबकी आत्मा एक है। हम सभी मिलकर अपनी कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देंगे। इस अवसर पर नायशा एवं अनन्या ने स्वागत गीत, शांभवी आभ्या ने ‘मिले सुर मेरा तुम्हारा’ पर सामूहिक नृत्य प्रस्तुत किया। किड्स ग्रुप के नन्हें मुन्ने बच्चों ने सभी राज्यों की अलग-अलग वेशभूषा में अनेकता में एकता की मिसाल पेश की ।1 बी की अमृता मंडल ने एक सुंदर बंगाली गीत प्रस्तुत किया। विवेकानंद सदन के मयंक और सक्षम ने हरियाणवी नाटक प्रस्तुत कर दिखाया कि हमारे लिए पढ़ाई लिखाई क्यों आवश्यक है। दयानंद सदन के आरुष, सिमरन ने तथा रामाकृष्णा सदन के नितीश एवं उनके समूह ने खोरठा भाषा में नारी शिक्षा पर लघु नाटक प्रस्तुत किया। राजाराम मोहन राय सदन के प्रभाकर एवं उनके ग्रुप ने बच्चों में बढ़ती हुई नशाखोरी हम सबके लिए कितनी घातक है । इस पर अंकुश लगाने के लिए लघु नाटक के द्वारा सबको अभिप्रेरित किया । अर्पिता एवं कृतिका ने ‘ मेरी भाषा मेरा देश’ पर एक सुंदर वक्तव्य दिया । विद्यालय के शिक्षकों में राय राकेश, पी बी खड़ंगा, जयदेव आचार्या, धर्मेंद्र पाठक ने भाषा उत्सव के अवसर पर सुंदर गीत प्रस्तुत किया। उपेंद्र सोनू ने माटी कै इ बनल शरीरिया पर सुंदर गीत प्रस्तुत किया।


मौके पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने भारतीय भाषा उत्सव के समागम की बच्चों द्वारा दी गई प्रस्तुति की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम क्षेत्रीय भाषा और टेक्नोलॉजी के उपयोग के माध्यम से भाषा सीखने को बढ़ावा देने के लिए आयोजित किया जाता है । इससे हम सभी भाषा और सांस्कृतिक मूल्यों को संरक्षित करने का संदेश प्राप्त करते हैं । हमें इस उत्सव के माध्यम से बच्चों के अंदर भारतीय भाषाओं के प्रति सम्मान, जागरूकता एवं रुचि को बढ़ाने में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना चाहिए । भाषाएं अनेक भाव एक की थीम पर बच्चों ने जिस प्रकार से विभिन्न राज्यों की कला संस्कृति, रहन-सहन, रीति रिवाज, भाषा, खान – पान को प्रदर्शित किया अत्यंत सराहनीय है। हमें एक साथ मिलकर अपनी -अपनी भाषा को समृद्ध बनाना होगा तथा देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखने में तन मन धन से समर्पण भाव दिखाना होगा तभी हमारा देश सशक्त होगा।

धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक कुमार सतीश सिंह ने किया। मंच संचालन आकांक्षा त्रिवेदी एवं आराध्या ने किया। ।कार्यक्रम को सफल बनाने में तथा बच्चों का दिशा -निर्देश करने में विद्यालय के सभी शिक्षक-शिक्षिकाओं का योगदान रहा। कार्यक्रम का समापन शांति पाठ से हुआ।