राष्ट्रीय

16 दिसम्बर: विजय दिवस

विजय दिवस भारत में हर साल 16 दिसंबर को मनाया जाता है। 3 दिसंबर, 1971 को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की शुरुआत हुई, जो 13 दिनों तक चला और 16 दिसंबर को आधिकारिक रूप से समाप्त हो गया। इस युद्ध के बाद पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सशस्त्र बलों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल ए.ए. खान नियाज़ी ने 93,000 सैनिकों के साथ भारतीय सेना और बांग्लादेश के मुक्ति बहानी के सामने आत्मसमर्पण किया। भारतीय सेना की इसी कामयाबी को प्रतिवर्ष विजय दिवास के रूप में मनाया जाता है।

हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस या विक्टरी डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन राष्ट्र के उन सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है। जिन्होंने इस युद्ध में अपने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। देश भर में विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। देश की राजधानी नई दिल्ली में, भारतीय रक्षा मंत्री और भारतीय सशस्त्र बलों के तीनों विंग्स के प्रमुख, नई दिल्ली में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। जिसका निर्माण 1971 में भारतीय जीत की ओर से किया गया था। इस युद्ध ने एक नए मुल्क बांग्लादेश को जन्म दिया था और पाकिस्तान के इतिहास में करारी हार के तौर पर 16 दिसंबर का दिन दर्ज हो गया। यूं तो यह जंग पाकिस्तान के पश्चिम और पूर्वी हिस्से के बीच चल रही थी, लेकिन पाक की ओर से इस दौरान भारत पर भी हवाई हमले किए गए। इसके जवाब में 3 दिसंबर, 1971 से भारत भी इस युद्ध में कूदा और पश्चिम से लेकर पूर्व तक में पाक सेना पर जोरदार हमला बोला। तीनों सेनाएं इस युद्ध में सक्रिय हुईं और अंत में 16 दिसंबर, 1971 को 93 हजार पाक सैनिकों के सरेंडर के साथ जंग को जीता। यही नहीं, पड़ोस में एक नए मुल्क बांग्लादेश का भी उदय हुआ। इस युद्ध की शुरुआत से पहले तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राष्ट्र के नाम संदेश जारी किया था।

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लेखक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव