18 दिसंबर: अन्तरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस
अन्तरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस प्रत्येक साल 18 दिसंबर को मनाया जाता है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य लोगों को इस बात के लिए शिक्षित करना है कि हर प्रवासी का सम्मान के साथ व्यवहार करना मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। अन्तरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस अन्तरराष्ट्रीय प्रवासियों के सामने आने वाली चुनौतियों और कठिनाइयों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का लक्ष्य रखता है। संयुक्त राष्ट्र हर साल सरकारों, संगठनों और इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लोगों को इस मौके पर आमंत्रित करती है। 18 दिसंबर 1990 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सभी प्रवासी कामगारों के अधिकारों और उनके परिवारों के सदस्यों के संरक्षण पर अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलन को अपनाया। 4 दिसंबर 2000 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दुनिया में प्रवासियों की बढ़ती संख्या को मान्यता दी और 18 दिसंबर को अन्तरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस के रूप में नामित किया। सितंबर 2016 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने शरणार्थियों और प्रवासियों के बड़े आंदोलनों को संबोधित करने के लिए एक उच्च-स्तरीय शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। शिखर सम्मेलन में अधिक मानवीय और समन्वित दृष्टिकोण के साथ देशों को एक साथ लाने का लक्ष्य था। किसी भी देश का नागरिक जब काम की तलाश में अपने देश को छोड़कर दूसरे देश में जाकर बस जाता है तो उसे प्रवासी कहा जाता है, जैसे- यदि कोई भारतीय नागरिक अमेरिका, सऊदी या किसी और देश में जाकर वहां बस जाता है तो प्रवासी भारतीय कहा जाता है। अमेरिका, चीन, रूस, जापान समेत कुछ ऐसे देश हैं, जहां बड़ी संख्या में दुनिया भर से आए प्रवासी बसते हैं।