चुनाव समापन के बाद अभ्यर्थियों के व्यय लेखा का हो रहा है जाँच
देवघर: जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त विशाल सागर की अध्यक्षता एवं श्रीमती सुमिथा पारामाथा व्यय प्रेक्षक की उपस्थिति में आज दिनांक-19.12.2024 को अभ्यर्थियों व्यय लेखा जांच से संबंधित बैठक का आयोजन सूचना भवन के सभागार में किया गया।
इस दौरान जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि चुनाव समाप्ति के पश्चात आयोग के निर्देशानुसार अभ्यर्थियों की व्यय पंजी का मिलान किया जायेगा। आगे उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग की ओर से खर्च के विभिन्न मदों का निर्धारण कर दिया गया है। इसमें हेलीकॉप्टर के खर्च लेकर सभा स्थल, प्रचार मद, भोजन, पानी और वाहन आदि के लिए अलग अलग दर निर्धारित है। ऐसे में सभी अभ्यर्थियों को मूल व्यय पंजी के साथ उपस्थित होना है, जिसका मिलान कोषांग के टीम द्वारा किया जायेगा। साथ ही अभ्यर्थियों को व्यय लेखा संबंधी विवरण की प्रविष्टी सुविधाजनक हो इस हेतु आवश्यक निर्देश सहायक व्यय प्रेक्षकों को दिया गया है, ताकि अभ्यर्थियों को व्यय लेखा की जांच में किसी प्रकार की असुविधाओं का सामना न करना पड़े। आगे जानकारी दी गयी कि जांच में खर्च का ब्योरा नहीं देने पर निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार कार्रवाई का भी प्रावधान है। साथ ही चुनाव आयोग ऐसे प्रत्याशियों को चुनाव लड़ने पर रोक भी लगा सकती है। ऐसे में प्रत्याशी को नामांकन की तारीख से रिजल्ट आने तक अपने सभी व्यय का अलग और रोजाना का सही खाता रखना अनिवार्य है। विधानसभा प्रत्याशी की अधिकतम खर्च सीमा 40 लाख रुपये है।
इसके अलावे व्यय प्रेक्षक सुमिथा पारामाथा ने सभी को संबोधित करत हुए कहा कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 78 के अनुसार प्रत्येक प्रत्याशी को परिणाम की घोषणा से 30 दिन के भीतर अपने चुनाव खर्च का ब्योरा जिला निर्वाचन अधिकारी के पास सौंपना अनिवार्य है। इसमें प्रत्याशी और उसके एजेंट द्वारा किया गया खर्च शामिल होता है। इसमें नामांकन के दिन से रिजल्ट तक का खर्च का सारा ब्योरा एक प्रतिलिपि में होता है। साथ ही प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव आयोग व्यय पर्यवेक्षक तैनात किया जाता है, ताकि प्रत्याशियों के व्यय की जांच व निगरानी की जा सके।