देवघर (शहर परिक्रमा)

नृत्य प्रतियोगिता में शिवानी झा, आयुषी राज एवं वैष्णो कुमारी अव्वल

देवघर: स्थानीय दीनबन्धु उच्च विद्यालय के 41वाँ स्थापना दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था। नृत्य प्रतियोगिता में नवम वर्ग की शिवानी झा को प्रथम, आयुषी राज को द्वितीय एवं वैष्णो कुमारी को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। निर्णायक के रूप में ओमसत्यम इंस्टिट्यूट ऑफ फिल्म, ड्रामा एंड फाइन आर्ट्स के निदेशक डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव एवं विद्यालय की शिक्षिका मनीषा घोष ने अहम् भूमिका निभाई। सभी विजेताओं को इस माह के 10 जनवरी को मुख्य अतिथि, विधायक सह पूर्व मंत्री सुरेश पासवान, विशिष्ट अतिथि प्रगतिशील लेखक संघ, देवघर इकाई के अध्यक्ष प्रो. रामनंदन सिंह, विवेकानंद शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव, विद्यालय के अध्यक्ष डॉ. निमाई चन्द्र गाँधी, सचिव संदीप गोस्वामी, प्रधानाध्यापक काजल कांति सिकदार के करकमलो से पुरस्कृत किया जाएगा।
नृत्य के संबंध में डॉ. देव ने कहा- नृत्य से शारीरिक स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती को बढ़ावा मिलता है। इससे लचीलापन, समन्वय, संतुलन, और हृदय क्रियाशीलता बेहतर होती है। इससे तनाव कम होता है और मूड अच्छा रहता है। यह भावनाओं को व्यक्त करने का एक तरीका है। इससे रचनात्मक सोच और कल्पना का विकास होता है. इससे कलात्मक क्षमताएं विकसित होती हैं और जोखिम लेने और नए विचारों को खोजने की प्रेरणा मिलती है। इससे बच्चों में संवेदी और स्थानिक जागरूकता, एकाग्रता, और गतिशीलता विकसित होती है। यह हर संस्कृति का एक मूलभूत पहलू है। भारत में नृत्य की परंपरा हज़ारों साल पुरानी है। भारतीय लोक नृत्यों का संबंध समय बीतने, बच्चे के जन्म, विवाह, और त्योहारों से होता है।

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