देवघर (शहर परिक्रमा)

22वें पुस्तक मेला का महामहिम ने किया उद्घाटन, मंच पर स्व. मनमोहन सिंह की तस्वीर न देख नाखुश हुए सांसद निशिकांत

आज दिनांक 11.01.25 को 11 जनवरी से 21 जनवरी तक चलने वाले 22वें पुस्तक मेला का उद्धघाटन झारखण्ड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार, गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे, पद्मश्री विमल जैन, देवघर उपायुक्त विशाल सागर सहित कई गणमान्यओं की उपस्थिति में किया गया। उद्घाटन समारोह के दौरान सर्वप्रथम पुस्तक मेला के संयोजक सुभाष राय ने अपने उद्बोधन में गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे का आभार जताते हुए कहा कि इस मेला के लिए सांसद महोदय का 2009 से जैसा सहयोग रहा है वह अकथनीय है। जिन्होंने सांसद निधि से करोड़ों रूपये रूपये के किताब की खरीददारी कराया है।


    स्वागत उद्बोधन के बाद राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार व अन्य अतिथियों द्वारा गुरुग्राम के सुजीत कुमार मुखर्जी को साहित्य सेवी सम्मान, शीलांग (मेघालय) के डॉ फिल्मेका मारबानियांग को भाषा सेतु सम्मान, देवघर के मोहनानंद मिश्र को आजीवन उपलब्धि सम्मान प्रदान किया गया।
     राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि मैने आपातकाल के दौरान जेल में रहते हुए कई किताबें खरीदकर पढ़ी। क्यूंकि किताबें ज्ञान के साथ संस्कार भी प्रदान करती है इसलिए देवघर में लगने वाला पुस्तक मेला के लिए इसकी आयोजन समिति साधुबाद के पात्र हैं। इसके साथ ही उन्होंने गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे की भी जमकर तारीफ की।
   वहीं गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि बरेली से 8 बार सांसद रहे हमारे गवर्नर संतोष गंगवार जी को इस मंच पर आने के लिए धन्यवाद। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. मनमोहन सिंह, रतन टाटा, किशोर कुणाल, शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मेरा सौभाग्य है इन सभी के साथ मुझे कभी न कभी कार्य करने का मौका मिला है। इसके साथ ही मंच पर मनमोहन सिंह की तस्वीर न देखकर उन्होंने नाखुशी भी जाहिर की। जबकि रतन टाटा और शारदा सिन्हा की आदमकद तस्वीर मंच पर लगी हुई थी।
      उन्होंने कहा कि मनमोहन सिंह पक्ष और विपक्ष नहीं समझते थे। उन्होंने नोटबंदी के मामले पर भी अपनी पार्टी का समर्थन नहीं किया था।
    आगे कहा कि विवेकानंद जी शिकागो जाने से पहले और वहाँ से आने के बाद बाबाधाम आए। इसलिए पुस्तक मेला आयोजन समिति द्वारा यहाँ विवेकानंद के नाम पर पुस्तक मेला के आयोजन से समिति बधाई के पात्र हैं।
    इसके पूर्व पद्मश्री विमल जैन ने कहा कि टेक्नोलॉजी ने किताबों का हासिये पर ला दिया है लेकिन विकसित भारत की परिकल्पना किताबों से ही पूरी हो सकती है। वैसे भी करुणा, पीड़ा और परोपकार टेक्नोलॉजी से नहीं किताबों से ही संभव है।

महामहिम का सम्मान करते मेला व्यवस्थापक पवन टमकोरिया


       वहीं उपायुक्त देवघर ने आयोजक मंडल के प्रति अतिथि के तौर पर आमंत्रण देने के लिए आभार जताते हुए कहा कि देवघर में लगने वाले सावन मेला के तरह ही पुस्तक मेला अपनी ऊचाईयां छू रहा है।
      मौके पर पुस्तक मेला के अध्यक्ष युधिष्ठिर प्रसाद राय और मेला संयोजक डॉ सुभाष चंद्र राय, डॉ विमल सिंह, पुस्तक मेला के प्रभारी आलोक मल्लिक, मेला प्रशासक सर्वेश्वर प्रसाद सिंह, सचिव निर्मल कुमार, प्रेम कुमार, मेला कोषाध्यक्ष राजेश कुमार, व्यवस्थापक पवन टमकोरिया, उपाध्यक्ष रामानंदन सिंह, उदय प्रकाश, रवि केसरी, राम किशोर, अंजनी किशोर, मिथलेश सिंह, अलख निरंजन शर्मा, इं. एस पी सिंह, बीरेंद्र सिंह, ऋषि राज सिंह, सुमन वाजपेई, सह प्रभारी दीपक कुमार, रूपा श्री, जिम्मी कुमार, राकेश पाण्डेय, अंजलि राय, शिवांगी पाण्डेय, संध्या राव, अनुष्का, विद्या कुमारी इत्यादि सहित सैकड़ों उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *