29 जनवरी: जॉर्ज फ़र्नांडिस की पुण्यतिथि
जॉर्ज मैथ्यू फ़र्नांडिस एक पूर्व ट्रेड यूनियन नेता थे, जो राजनेता, पत्रकार और भारत के रक्षामंत्री रहे। आज ही के दिन 29 जनवरी, 2019 को हुई थी। जॉर्ज मैथ्यू फ़र्नांडिस ने व्यापारिक संघ के नेता, पत्रकार, राजनेता और एक मंत्री के तौर पर अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। आजीवन उन्होंने मजदूरों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
जॉर्ज फ़र्नांडिस जनता दल के प्रमुख नेता थे और बाद में समता पार्टी का भी गठन किया। अपने राजनैतिक जीवन में उन्होंने केंद्र में कई महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। उन्होंने संचार, उद्योग, रेलवे और रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में अकेले ईसाई मंत्री थे। भारत सरकार ने उन्हें 2020 में मरणोपरांत ‘पद्म विभूषण’ से सम्मानित किया है। उनका जन्म जॉन जोसफ़ फ़र्नांडिस और एलीस मार्था फ़र्नांडिस के यहां मैंगलोर में 3 जून, 1930 को हुआ था। सन 1973 में वे ‘ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन’ के चेयरमैन चुने गए। उन्होंने ऐसे में 8 मई, 1974 को देशव्यापी रेल हड़ताल का आह्वान किया। रेल का चक्का जाम हो गया। कई दिनों तक रेलवे का सारा काम ठप्प रहा। न तो कोई आदमी कहीं जा पा रहा था और न ही सामान। पहले तो सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन यह यूनियनों का स्वर्णिम दौर था। कुछ ही वक्त में इस हड़ताल में रेलवे कर्मचारियों के साथ इलेक्ट्रिसिटी वर्कर्स, ट्रांसपोर्ट वर्कर्स और टैक्सी चलाने वाले भी जुड़ गए तो सरकार की मुश्किलें बढ़ गईं। सारे घटनाक्रम को देखते हुए आपातकाल लागू कर दिया गया था। आपातकाल लगने की सूचना उन्हें रेडियो पर मिली। उस वक्त वे उड़ीसा में थे। उनको पता था, सबसे पहले निशाने पर होने वालों में वे भी शामिल हैं। इसलिए वे पूरे भारत में कभी मछुआरे के तो कभी साधु के रूप में घूमते फिरे। आखिर में उन्होंने अपनी दाढ़ी और बाल बढ़ जाने का फायदा उठाते हुए एक सिक्ख का भेष धरा और भूमिगत होकर आपातकाल के खिलाफ आंदोलन चलाने लगे। जॉर्ज और उऩके साथियों को जून, 1976 में गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद उन सहित 25 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने मामला दर्ज किया, जिसे “बड़ौदा डायनामाइट केस” के नाम से जाना जाता है। इंदिरा गांधी द्वारा चुनावों की घोषणा के साथ ही इमरजेंसी का अंत हो गया। जॉर्ज फ़र्नांडिस ने 1977 का लोकसभा चुनाव जेल में रहते हुए मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से रिकॉर्ड मतों से जीता। जनता पार्टी की सरकार में वे उद्योग मंत्री बनाए गये। भारतीय राजनीति में उनका योगदान अहम है और संसद के सदस्यों द्वारा उन्हें हमेशा स्नेह और सम्मान मिलता रहा। उनके प्रमुख योगदान में राज्यसभा में किए गए उनके कार्य तथा भारत के समाजवादी आंदोलन में दी गईं सेवाएं हैं। जनता दल के संस्थापक सदस्य, लोकसभा के सदस्य, रेलवे व रक्षा मंत्री और एनडीए के संयोजक के तौर पर जॉर्ज फ़र्नांडिस भारतीय राजनीति में बहुत ही अहम शख्सियत रहे हैं। उन्होंने कई किताबें लिखकर लोगों तक अपने विचार भी पहुंचाए।