तपती गर्मी से पशु पक्षियों को बचाने के लिए चलाया गया दाना-पानी अभियान
दुमका: झारखंड प्रदेश के दुमका जिला आदिवासी बहुल सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में स्थित डुमरथर विद्यालय के प्रधानाध्यापक डॉ. सपन कुमार ने समुदाय के सहयोग से पर्यावरण को बचाने के लिए पशु पक्षियों को दाना- पानी देने का अभियान प्रारंभ किया है। गर्मी बढ़ने के साथ जलस्तर काफी नीचे जा रहा है। इसका सबसे अधिक असर पशु- पक्षियों पर पड़ रहा है। तपती गर्मी के कारण पक्षी मर रहे हैं। पर्यावरण के प्रति विद्यार्थियों, समुदाय को जागरूक करने के लिए इको क्लब द्वारा लाइफ मिशन के तहत दाना- पानी अभियान शुरू किया गया है ।इस मौके पर प्रधानाध्यापक डॉ सपन पत्रलेख ने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उद्देश्य विद्यार्थियों में अच्छा संस्कार विकसित करना भी है। भारत की संस्कृति भी हमें भाईचारा एवं पशु पक्षियों के प्रति प्रेम रखना सिखाती है। यह अभियान लोगों को प्रकृति के साथ एक मजबूत संबंध स्थापित करने में मदद करती है। पशुओं और पक्षियों को दाना पानी डालने से अच्छी आदत विकसित होती है जो आने वाले पीढ़ी में यह संस्कार एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में पहुंचती है ।उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में तपती गर्मी से जलस्तर काफी नीचे चला गया है इसका असर बेजुबान पशु पक्षियों पर पड़ रहा है। पर्यावरण संतुलन के लिए पशु पक्षियों का प्रकृति में रहना आवश्यक है। इस धरती में जितना स्थान मानव का है उतना ही स्थान पशु पक्षियों का भी है। इस अभियान से विद्यार्थियों एवं ग्रामीणों में पशु पक्षियों के प्रति पर्यावरण के प्रति जागरूकता का विकास हो रहा है। विदित हो कि डॉ सपन पत्रलेख द्वारा “”दाना- पानी अभियान” कई वर्षों से इस क्षेत्र में किया जा रहा है। इस अभियान के तहत विद्यालय के पोषक क्षेत्र एवं विद्यालय परिसर में पेड़ पौधों, घरों के बाहर मिट्टी का घड़ा पशु पक्षियों के लिए लगाया जा रहा है। इसमें नित्य दाना- पानी देने की व्यवस्था की गई है गांव के मांझी हड़ाम रामविलास मुर्मू ने कहा कि इस तरह के अभियान से आने वाला पीढ़ी पर्यावरण के प्रति शिक्षित हो रहा है। इस मौके पर इको क्लब के सदस्य, प्रबंधन समिति के सदस्य एवं विद्यालय के शिक्षक आदि मौजूद थे।
संवाददाता: आलोक रंजन