हंसध्वनि संगीत कला केन्द्र का 41वां स्थापना दिवस मनाया गया
दिनांक 03.06.25 को हंसध्वनि संगीत कला केन्द्र का 41 वां स्थापना दिवस हर्षोल्लास के साथ आर एन बोस लाइब्रेरी में एक मनभावन शास्त्रीय संगीत संध्या के माध्यम से मनाया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन विशिष्ट अतिथि ओ पी मिश्र, पार्थों मुखर्जी, प्रशान्त सिन्हा, कमल मित्रा, शंकर मोहन झा एवं आचार्य विनोद के द्वारा सम्मिलित रूप से दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। जबकि हंसध्वनि परिवार द्वारा निर्धारित प्रार्थना में देवी सरस्वती का वंदन किया गया। आगे प्राइमरी का याशी, राजवी, सौरिक, अनन्या एवं मंदिरा ने राग बिलावल में सरगम सह अलंकार गीत प्रस्तुत किया, जिसमें हर्षराज ने हारमोनियम पर तो प्रद्युम्न ने तबले पर संगत दिया। जबकि जुनियर की आशिता, दिव्या, शगुन, अंजलि व दृष्टि ने भी समवेत स्वर में राग केदार का छोटा ख्याल सुंदर आलाप, तान व लयकारी के साथ सुनायी। आगे स्नातक का छात्र वशिष्ठ ने एकल तबला वादन में तीनताल पर पेशकार, कायदा, गत व टुकड़ा बजाकर खूब ताली बटोरा।


विद्यार्थियों द्वारा अंतिम प्रस्तुति में इंटर का छात्र राग जयजयवंती में विलंबित व द्रुत ख्याल में आलाप, सरगम, तान-बोलतान व बढ़त प्रस्तुत करते हुए सबको राग लहरी में भावविभोर कर दिया, जिसके साथ तबले पर विश्वनाथ बनर्जी स्वयं तबले पर व सुष्मिता चक्रवर्ती हारमोनियम पर संगत दे रहे थे। अंत में केन्द्राधीक्षक विश्वनाथ बनर्जी ने सहायक के छात्र शुभ्रनील,रितोदीप, सुधीर व नीतेश के साथ राग शिवरंजनी में शिव भजन गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया, जिनके साथ प्रवीण छात्र सुनीथ करन ने बेहतरीन तबला बजाया। पुरे कार्यक्रम का मंच संचालन केन्द्र के वरिष्ठ सदस्य दीप नारायण झा ने किया।
कार्यक्रम को सफल बनाने में वैष्णव, सुस्मी बनर्जी, राजु कुमार व मधीर सिंह का सक्रिय भूमिका रहा। मौके पर भारी संख्या में शहर के शास्त्रीय संगीत प्रेमी देर शाम तक जुटे रहे।
शास्त्रीय संगीत का बहुत सुंदर एवं सफल कार्यक्रम। हार्दिक बधाई एवं आभार
