दुमका (शहर परिक्रमा)

दुमका: एक दिवसीय संवेदीकरण कार्यक्रम संपन्न

दुमका: संताल परगना प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त लालचंद डाडेल की अध्यक्षता में शुक्रवार को दुमका में अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अधिनियम 2019 तथा झारखंड अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध नियम 2022 के विभिन्न प्रावधानों के अधीन लो इंफोर्समेंट एजेंसी को प्रदत्त शक्तियों, कार्यों एवं दायित्व की जानकारी के लिए एकदिवसीय संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में वित्त विभाग रांची से आये संयुक्त सचिव अखौरी शशांक के द्वारा पीपीटी के माध्यम से उक्त अधिनियम से संबंधित विस्तृत जानकारियों को बिंदुवार प्रदर्शित किया गया। कार्यशाला में बताया गया कि इसके विनियमन के लिए सरकार द्वारा आयुक्त को सक्षम प्राधिकार एवं जिले के उपायुक्त को सक्षम प्राधिकार के सहायक पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। अविनियमित जमा योजनाओं के प्रतिबंध हेतु 2019 में बने नियम के अंतर्गत अविनियमित जमा योजनाओं को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से कड़ी कार्रवाई के प्रावधान किए गए हैं। ऐसे किसी भी मामलों के पीड़ित व्यक्ति प्रमंडलीय आयुक्त अथवा संबंधित जिलों के उपायुक्त के समक्ष शिकायत कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि फर्जी प्रचार के जरिए अधिक लाभ का प्रलोभन देकर अविनियमित कंपनियां आम निवेशकों से पैसे जमा कराती है, तो उस स्थिति में कम-से-कम 2 साल से लेकर 7 साल की सजा एवं अधिकतम 3 लाख से लेकर 10 लाख तक जुर्माने का प्रावधान है। ऐसी अविनियमित कंपनियां प्रलोभन के उद्देश्य से फर्जी स्कीम का प्रचार-प्रसार भी कराएंगी, तो कम-से-कम 1 साल की सजा एवं 2 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। वहीं अधिकतम 5 साल की सजा और 10 लाख तक जुर्माना भी हो सकता है।
अनियमित जमा योजना प्रतिबंध कानून में जमा योजनाओं से संबंधित अपराधों में संचालन, धोखाधड़ी और गलत ढंग से प्रेरित करना शामिल है। कानून में ऐसे अपराध रोकने के लिए कठोर दंड और भारी जुर्माने का प्रविधान है। अनियमित जमा योजना प्रतिबंध कानून 2019 में अनियमित जमा योजना को बढ़ावा देने, चलाने व विज्ञापन देने पर रोक का प्रविधान शामिल है।
अनियमित जमा योजना प्रतिबंध कानून 2019 के तहत झारखंड अनियमित जमा योजना प्रतिबंध नियम 2022 के प्रावधान में सक्षम प्राधिकार के पास अधिकार होंगे। इसमें मामलों की जांच, फरार लोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने, संपत्ति जब्त करने, कानूनी अधिकारी नियुक्त करने, फारेंसिक या डिजिटल आडिट करने के अधिकार होंगे।
कार्यशाला में उपायुक्त, जामताड़ा, उपायुक्त, साहेबगंज, पुलिस अधीक्षक, देवघर, पुलिस अधीक्षक, जामताड़ा, पुलिस अधीक्षक, दुमका, पुलिस अधीक्षक, पाकुड़, आयुक्त के सचिव, अपर समाहर्ता, दुमका,अपर समाहर्ता, जामताड़ा एवं रांची से आए प्रशाखा पदाधिकारी श्रीकांत सारंगी एवं कनीय सचिवालय सहायक पियूष नयन एवं अन्य उपस्थित थे।

रिपोर्ट- आलोक रंजन Alok Ranjan