दुमका (शहर परिक्रमा)

दुमका: मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल को लेकर डालसा ने किया कार्यशाला का आयोजन

दुमका: मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल पर व्यवहार न्यायालय परिसर में रविवार को एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन हुआ। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में न्याय सदन में आयोजित कार्यशाला का उदघाटन जिला जज प्रथम रमेश चंद्र, द्वितीय जिला सत्र न्यायाधीश राकेश कुमार मिश्र,डालसा सचिव विश्वनाथ भगत तथा जिला परिवहन पदाधिकारी जयप्रकाश करमाली ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यशाला में मोटर दुर्घटना में पीड़ित परिवार को ससमय व उचित मुआवजा दिलाने की प्रक्रिया के प्रावधान और सरलीकरण पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर ज़िला जज प्रथम रमेश चंद्र ने मोटर दुर्घटना कानूनों में वर्ष 2022 में हुए बदलाव को उल्लेख करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना में 30 दिनों के अंदर पुलिस को दुर्घटना से संबंधित कागजात न्यायालय में प्रस्तुत करना है। ऐसा नहीं होने पर कोर्ट को सूचित करना आवश्यक है। उन्होंने युवा थाना प्रभारियों से बेहतर करने की अपेक्षा करते हुए कहा कि पुराने लोंगों से बेहतर आप कर सकते है। उन्होंने कहा कि हर थाना प्रभारी और पुलिस पदाधिकारी का कर्त्तव्य और कानूनी बाध्यता है। ऐसा नहीं करने पर कानूनी प्रतिबंध्यता और कानूनी घेरे में आ सकते है। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाग्रस्त वाहनों के कागजातों की डीटीओ से जांच कराना अनिर्वाय है।
पुलिस पदाधिकारियों के कर्त्तव्यों को बताते हुए कहा कि दुर्घटना के बाद इंशोंरेंस कंपनी को जानकारी देना है और इंशोरेंस कंपनी को ससमय रिपोट सौंपना और वैद्य स्वीकृति देना कार्य है। मुआवजा राशि पीड़ित को दिलाने में विलंब होने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि कई ऐसे भी मामले सामने आये है,जो वर्षो से लंबित है। जिसमें केस की वर्तमान स्थिति से गांव के ग्रामीण अवगत नहीं हैं। मुआवजा राशि देने के उद्देश्यों से अवगत कराते हुए कहा कि मुआवजा राशि भुगतान का मुख्य उद्देश्य पीड़ित परिवार को रोजगार व जीवनयापन के लिए सहायता राशि मुहैया कराना है। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि संकल्प लेकर यहां से जाने की जरूरत है कि पीड़ित परिवार को सही मुआवजा दिलाना सुनिश्चित करें। जो बिना इंशोरेंस कंपनी और पुलिस पदाधिकारी के सहयोग का संभव नहीं हैं।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता, राजेंद्र प्रसाद ने दुर्घटना के शिकार परिवार को ससमय और उचित मुआवजा दिलाने में आने वाली कानूनी प्रावधानों के अड़चने और दूर करने के उपाय बतायें। डीएसपी मुख्यालय विजय कुमार ने मुआवजा दिलाने में पुलिस पदाधिकारियों को महत्ती भूमिका और कर्त्तव्यों को बता थानाध्यक्षों को अपनी भूमिका कर्त्तव्यनिष्ठा से निभाने का अपील किया। कार्यशाला का नेतृत्व प्राधिकार सचिव विश्वनाथ भगत एवं संचालन न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी परिधि शर्मा ने किया। इस अवसर पर अन्य रिसोर्स पर्सन ने अपने-अपने विचार व्यक्त किया।

रिपोर्ट- आलोक रंजन Alok Ranjan