देवघर: डायट, जसीडीह में प्रधानाध्यापकों के 2 दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण के चौथे फेज का शुभारम्भ
आयुष्मान भारत पहल के तहत विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम, जिसे ज़िले में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के निर्देश, जे सीईआरटी रांची तथा डायट जसीडीह के मार्गदर्शन एवं सेंटर फ़ॉर कैटालाइजिंग चेंज के तकनीकी सहयोग से सभी कोटि के विद्यालयों जहां वर्ग 6 एवम उससे ऊपर की पढ़ाई होती है में संचालित किया जा रहा है।
आज दिनांक 12/09/2023 को डायट जसीडीह में प्रधानाध्यापकों के 2 दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण के चौथे फेज का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलित कर अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी सह डायट प्राचार्य अजय कुमार द्वारा किया गया, जिसमें कूल 160 प्रधानाध्यापकों ने हिस्सा लिया। मौके पर संकाय सदस्य मुकेश कुमार सिंह ने डायट प्राचार्य को पौधा देकर सम्मानित किया।
अपने सम्बोधन में डायट प्राचार्य ने कहा कि विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम, आयुष्मान भारत के तहत केंद्र सरकार एवम राज्य सरकार की एक महत्वकांक्षी योजना है जिसे बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवम भावनात्मक विकास के लिए जिले में चलाया जा रहा है। आगे उन्होंने कहा कि हरेक विद्यालय के 2 सहायक शिक्षकों को अरोग्य दूत के रूप में प्रशिक्षण दिया जा चुका है तथा अभी प्रधानाध्यापको को दिया जा रहा है । साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम के लागू होने से शिक्षक बच्चों को आयु अनुरूप जानकारी देंगे जैसे किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक बदलाव, हिंसा, इंटरनेट का उपयोग, आदि जिसके फलस्वरूप विद्यालय के बच्चे हर गतिविधियों में उत्सुकता से भाग लेंगे तथा विद्यालय के नामांकन एवम उपस्तिथि में भी वृद्धि आयेगी।
आगे उन्होंने कहा कि इस प्रोग्राम के बेहतर संचालन तथा उद्देशों की पूर्ति के लिए शिक्षा एवम स्वास्थ्य विभाग से अभिसरण स्थापित करते हुए ज़िले में जिला स्तरीय समन्वय समिति का गठन उपायुक्त के अध्यक्षता में किया गया है जिसमें जिला शिक्षा पदाधिकरी, जिला शिक्षा अधीक्षक, सिविल सर्जन, डायट प्राचार्य, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी तथा सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज के जिला प्रतिनिधी सदस्य के रूप में होंगे तथा प्रखंड स्तर पर भी प्रखंड स्तरीय समन्वय समिति प्रखंड विकास पदाधिकारी के अध्यक्षता में होना है। आगे उन्होंने कहा कि वैसे प्रधानाध्यापक/ प्रभारी प्रधानाध्यापक जो पूर्व के बैचों में अनुपस्थित रहे हैं या वैसे विद्यालय जिनका नाम नहीं गया है परंतु 6 या उससे उपर की पढ़ाई होती है वो आगामी बैच में आकर निश्चित प्रशिक्षण ग्रहण कर लें अन्यथा नहीं ग्रहण करने की स्थिति में स्वयं ज़िम्मेदार होंगे।
साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापकों का प्रयास होना चाहिए कि विद्यालय के कमजोर बच्चों को चिन्हित कर उनमें सुधारात्मक प्रयास किया जाए। साथ ही साथ प्रधानध्यापकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि अगर प्रभारी के तौर पे सकारात्मक सोच को विकसित किया जाए तो संसाधनो के अभाव के बावजूद प्रभाव डाला जा सकता है जिसे उन्होंने उदाहरण सहित साझा किया।
मौके पर इस प्रोग्राम के राज्य साधन सेवी मुकेश कुमार सिंह ने कहा कि जिन 16 माड्यूल के बारे में प्रशिक्षण आगामी 2 दिनों में दिया जाना है वह बच्चों के सर्वांगीण विकास के साथ बेहतर समाज के निर्माण तथा इस प्रोग्राम के दूरगामी लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार साबित होगा साथ ही साथ उन्होने बताया कि इस प्रशिक्षण में सरकारी तथा सहायता प्राप्त विद्यालयों को भी प्रशिक्षण ग्रहण करना है।
मौके पर संकाय सदस्य इति कुमारी, पूजा सिंह, सोभा कुमारी तथा सभी ज़िला साधन सेवी मौजुद थे।