देवघर: हिंदी विद्यापीठ में समारोह पूर्वक मनाई गई हिंदी दिवस
संस्थान के कुलसचिव ने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने की रखी मांग
हिंदी राष्ट्र की सबसे बड़ी संपर्क भाषा: कृष्णानंद झा
देवघर: आज दिनांक 14.09.23 को हिंदी की सेवा में सेवारत संस्थान हिंदी विद्यापीठ में समारोह पूर्वक हिंदी दिवस मनाई गई।
मौके पर संस्थान के व्यवस्थापक पूर्व मंत्री कृष्णानंद झा ने हिंदी भाषा को राष्ट्र की सबसे बड़ी संपर्क भाषा बताया। श्री झा ने कहा कि भारत के सभी राज्यों की अपनी अपनी क्षेत्रीय भाषाएं हैं जो काफी समृद्ध भी है। बावजूद आज हिंदी देश की सर्वाधिक संख्या में बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी अब समृद्धि की ओर बढ़ रही है। उदाहरण स्वरूप भारत में सभी तकनीकी एवं व्यवसायिक कोर्स की पाठ्य पुस्तकें अब हिंदी में आने लगी है। वहीं यूएनओ में भी हिंदी को उचित स्थान प्राप्त हो चुका है। इससे प्रतीत होता है कि अब वह दिन दूर नहीं जब हिंदी राजभाषा की जगह राष्ट्रभाषा बन जाए।
मुख्य अतिथि देवघर कॉलेज के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉक्टर संजय कुमार ने कहा कि हमें हिंदी दिवस को हीन भावना से न लेते हुए इसे महादिवस के रूप में मनाना चाहिए।कहा कि स्वाधीनता आंदोलन के वक्त हिंदी एक जनसंपर्क भाषा के रूप में उभरी थी। जो आज भारत भर में एक स्वीकृत भाषा के रूप में स्थापित हो चुकी है।
इस बीच कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर मोतीलाल द्वारी ने कहा कि मुंशी प्रेमचंद, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, महादेवी वर्मा समेत अन्य विद्वानों ने हिंदी को एक नया आयाम दिया था। जबकि आज हिंदी राजनीति की शिकार हो गई है। बावजूद हिंदी विभिन्न बाधाओं को पार करते हुए निरंतर आगे बढ़ती जा रही है।
हिंदी विद्यापीठ के कुलसचिव श्री के.के.ठाकुर ने कहा कि हिंदी हमारा मान सम्मान और सारे हिंदुस्तान की शान है। हिंदी सिर्फ एक भाषा ही नहीं, बल्कि हमारी सभ्यता संस्कृति एवं संस्कार को अक्षुण्ण बनाए रखने में सहायक भी है। उन्होंने हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाए जाने की मांग रखी। इसी क्रम में शिक्षाविद प्रोफेसर राम नंदन सिंह ने दक्षिण भारत में भी हिंदी भाषा बोलने वालों की बढ़ रही संख्या की चर्चा करते हुए प्रसन्नता जाहिर की। इसे हिंदी की सफलता बताते हुए हिंदी भाषियों के लिए सकारात्मक बताया।
अन्य वक्ताओं में हिंदी विद्यापीठ बीएड कॉलेज की प्राचार्या डॉ आशा मिश्रा, तक्षशिला विद्यापीठ के प्रभारी प्राचार्य एस. भट्टाचार्य, प्रेस प्रबंधक हिमांशु झा, प्राध्यापक नीतीश द्वारी एवं गोवर्धन साहित्य महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ संजय कुमार खवाड़े ने भी अपने संबोधन में हिंदी की उत्थान के लिए विचार व्यक्त किया।
इस अवसर पर संस्थान के मीडिया प्रभारी शंभू सहाय समेत शंकर नाथ झा, महेंद्र झा, राजेश सरेवार, विशाल पंडित, अमरनाथ मुखर्जी, सुदीप्त सरकार, दीपक पत्रलेख आदि मौजूद थे।
कार्यक्रम का मंच संचालन व धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डॉ.संजय कुमार ने किया।