देवघर (शहर परिक्रमा)

देवघर: ज़िले के सभी विद्यालयों में एक साथ मनाया गया मानसिक स्वास्थ्य जागरुकता कार्यक्रम

विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम के तहत जे0सी0ई0आर0टी0 रांची, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार के अगुवाई एवं जिला शिक्षा विभाग एवम डायट जसीडीह के मार्गदर्शन व सेंटर फाॅर कैटलाइजिंग चेंज (सी3) के तकनीकी सहयोग से दिनांक 10-16 अक्टूबर, 2023 तक मानसिक स्वास्थ्य सप्ताह पूरे राज्य के सभी विद्यालय जहाॅ वर्ग 6 या उससे उपर की पढ़ाई होती है में मनाया जा रहा है। डायट प्राचार्य सह अनुमंडल शिक्षा पदाधिकारी अजय कुमार ने कहा कि विद्यालय में जागरूकता सत्र के आयोजन का मुख्य उद्देश्य मानसिक स्वास्थ्य के उपर किशोर/किशोरियों को जागरूक करना एवं समय पर मानसिक अस्वस्थता की पहचान कर हर संभव परामर्श, सलाह एवं उपचार उपलब्ध कराना ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोका जा सके।


साथ ही उन्होंने कहा कि विद्यालय आरोग्य दूतों ने मानसिक स्वास्थ्य के विषय प्रवेश एवं औचित्य के बारे में छात्रों को बताया कि वर्तमान समय में मानसिक स्वास्थ्य एक गंभीर विषय के रूप में सामने आया है जिससे हर उम्र में लोग प्रभावित हो रहे है। कार्यक्रम के राज्य साधन सेवी मुकेश कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि इस कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्व में डायट द्वारा गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण अरोग्य दूतों को दिया गया जिसके फलस्वरुप जिलें के विभिन्न विद्यालयों के हजारों छात्र/छात्राओं को मानसिक स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण विषय पर आज जानकारी देकर जागरूक किया गया। सेंटर फ़ॉर कैटालाइजिंग चेंज के प्रोग्राम ऑफिसर कृष्णा कुमार द्वारा बताया गया कि कोविड संक्रमण काल के उपरांत एवं डिजिटल साधनों का निरंतर उपयोग, निष्क्रियता, अनियंत्रित खान-पान एवं शारीरिक गतिविधियों के आभाव में हर उम्र के लोगो मे मानसिक तनाव, चिड़चिडापन एवं उदासीनता का भाव व्याप्त है जो आगे चलकर गंभीर गैर संक्रामक रोगों का परिचायक बन सकता है साथ ही साथ आत्महत्या जैसे घटनायों में बढ़ोतरी का कारण भी बन सकता है।
संकाय सदस्य किरन कुमारी ने कहा कि गतिविधि आधारित माध्यमों एवं जीवतं उदाहरणों के सहारे छात्रों को विस्तार पूर्वक मानसिक स्वास्थ्य क्या है, मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों की पहचान कैसे करे सबंधी मानक, मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के क्या-क्या तरीक हो सकते है, कार्ययोजना बनाकर दैनिक कार्य करने, पर्याप्त नींद लेने, मानसिक तनाव होने पर पेशेवर परामर्शदाताओं से सलाह लेने, पौष्टिक भोजन एवं शारीरिक रूप से सक्रिय रहने जैसे योगा आदि के बारे में विभिन्न बातों को साझा किया गया ताकि वे मानसिक रूप से सबल रहे और पूरा ध्यान अपने पढ़ाई पर लगाए।