देवघर (शहर परिक्रमा)

देवघर: चेतना विकास द्वारा बाल विवाह मुक्त अभियान के तहत जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

राज्यव्यापी बाल विवाह मुक्त अभियान के तहत चेतना विकास, देवघर ने कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन एवं जिला प्रशासन के सहयोग से जिले के दस प्रखंडों में जन जागरूकता हेतु गाँव-गाँव जागरूकता रथ कार्यक्रम का आयोजन बीते 11 से 13 अक्टूबर को किया। इसी अभियान को आगे बढ़ाते हुए आज पुरे दिन विभिन्न प्रखंडों में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। ज्ञात हो कि इस अभियान का उद्देश्य देवघर के गाँव-गाँव को बाल संरक्षित गाँव बनाने हेतु प्रेरित करना है।

जानकारी हो कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 5 (एनएचएफएस 2019-21) के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में 20 से 24 आयुवर्ग के बीच की 23.3 प्रतिशत युवतियों का विवाह 18 वर्ष की होने से पहले ही हो गया था जबकि देवघर जिले में 49.2 प्रतिशत लड़कियों का विवाह 18 वर्ष की होने से पहले हो गया था।

मौके पर चेतना विकास की निर्देशिका रानी कुमारी ने कहा कि “बाल विवाह वो अपराध है जिसने सदियों से हमारे समाज को जकड़ रखा है। लेकिन बाल विवाह मुक्त समाज बनाने की प्रतिबद्धता और प्रयास जल्द ही एक ऐसे माहौल और तंत्र का मार्ग प्रशस्त करेंगे जहां बच्चों के लिए ज्यादा सुरक्षित और खुशनुमा वातावरण होगा। हम सब के सम्मिलित प्रयासों द्वारा उठाए गए कदमों और सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के साथ समाज व समुदाय की भागीदारी 2030 तक निश्चय ही हमारे देश को बाल विवाह मुक्त भारत सुनिश्चित करेंगी।

आज देवघर जिले के पलोजोरी, मधुपुर, देवघर इत्यादि प्रखंडों के गांवों में पूरे दिन इस अभियान के समर्थन में उतरे लोगों की चहल-पहल रही और इस दौरान विद्यालयों में प्रार्थना सभा के दौरान बाल विवाह के विरुद्ध शपथ, छात्र-छात्राओं के बीच पेंटिंग प्रतियोगिता, क्विज, वाद-विवाद प्रतियोगिता, समुदाय के बीच बाल विवाह का स्वास्थ्य पर दुष्परिणाम पर परिचर्चा, हितधारकों एवं समुदाय के साथ बाल विवाह के विरुद्ध मानव श्रृंखला बनाते हुए शपथ जैसे तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सूरज ढलने के बाद लोगों ने दीप प्रज्वलित करके लोगों को जागरूक करते हुए संदेश दिया कि देवघर में बाल विवाह की कोई जगह नहीं है। इस दौरान विवाह समारोहों में अपनी सेवाएं देने वालों जैसे कि शादियों में खाना बनाने वाले हलवाइयों, टेंट-कुर्सी लगाने वालों, फूल माला बेचने व सजावट करने वालों, पंडित और मौलवी जैसे पुरोहित वर्ग को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया.
     इस अभियान के दौरान 62 विद्यालयों में प्रार्थना सभा के साथ शपथ, 24 विद्यालयों में क्विज, 13 विद्यालयों में रंगोली एवं 15 विद्यालयों में पेंटिंग द्वारा बाल विवाह का विरुद्ध बच्चों ने अपना संदेश दिया। वहीं 8 स्थानों पर हितधारकों एवं समुदाय के द्वारा परिचर्चा, 8 स्थानों पर रैली, 6 स्थानों पर मानव श्रंखला एवं 18 स्थानों पर दीप प्रजालित किया गया। देवघर के कई थाना में पुलिस प्रशासन ने भी दीप प्रज्वलित करके इस अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित की। इस अभियान में चेतना विकास के सीनियर कार्यकर्ता, पंचायत सहजकर्ता, सभी विद्यालयों के शिक्षकों एवं विभिन्न हितधारकों की अहम् भूमिका रही।