देवघर: दुर्गा पूजा के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए पूजा समितियों को दिये गए आवश्यक दिशा-निर्देश
उपायुक्त सह जिला दण्डाधिकारी विशाल सागर के निर्देशानुसार दुर्गापूजा के दौरान विधि व्यवस्था व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर देवघर शहर एवं आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर पंडाल बनाये जाते है। ऐसे में दुर्गापूजा के दौरान आग दुर्घटना एवं भगदड़ जैसे हादसों से बचने के लिए दुर्गापूजा समिति को निम्नलिखित सुरक्षा निर्देशों का पालन करने का निर्देश दिया गया है।
- पंडाल में प्रवेश एवं निकास द्वार के अलग-अलग रास्ते रखें। प्रवेश एवं निकास द्वार पर पर्याप्त संख्या में वालंटियर की व्यवस्था करें।
- मुख्य प्रवेश द्वार एवं निकास द्वार कम से कम 5 मीटर चौड़ा रखें।
- प्रवेश कतार लगाकर करायें तथा पुरूष एवं महिला के लिए अलग-अलग कतार की व्यवस्था करें।
- निकास के रास्ते को जगह जगह पर तीर निशान के संकेत से प्रदर्शित करें इससे आम जनता को किसी इमर्जेंसी के समय सुरक्षित निकास में मदद मिले।
- भगदड़ से बचाव के लिए भीड़ प्रबंधन की योजना पहले से बना कर रखें एवं उसे प्रतिनियुक्त पुलिस कर्मियों के साथ साझा करें।
- पंडाल में बिजली की वायरिंग किसी योग्य एवं प्रशिक्षित इलेक्ट्रिशियन से करायें एवं हमेशा आई0एस0आई0 मार्क के कॉपर तार का ही प्रयोग करें। नंगे तारों पर अच्छी प्रकार से टेप लगा कर रखें एवं उसे पहुँच से दूर रखें।
- कुर्सी पर बैठने के लिए बनाये गये दो पंक्तियों के बीच कम से कम 2.5 फीट का अन्तर रखें और सीट के दोनो ओर कम से कम 2.5 मीटर का स्थान खाली रखें।
- पंडाल में ज्वलनशील पदार्थ को एकत्र करके ना रखें।
- रसोई पंडाल से कम से कम 20 मीटर दूर रखें।
- पंडाल के आसपास एवं आग संभावित क्षेत्र के आसपास पर्याप्त संख्या में अग्निशमन यंत्र, पानी एवं बालू की व्यवस्था रखें।
- दुर्गापूजा समिति पूजा शुरू होने से पूर्व अपने निकटतम फायर स्टेशन से आग से बचाव का अनापत्ति प्रमाण पत्र आवश्य प्राप्त करें।
- दुर्गापूजा समिति कर्मचारी एवं वालंटियर आग से बचाव एवं फायर एक्सटिंग्यूजर का प्रयोग किस प्रकार करना है, इसकी जानकारी अवश्य रखें।
- पंडाल में प्रशिक्षित स्टाफ की देखरेख में प्राथमिक उपचार की व्यवस्था रखें। प्रत्येक पंडाल में प्राथमिक चिकित्सा किट होना अनिवार्य है जिसमें निम्नलिखित सामाग्री जैसेः-पैरासिटामोल टेबलेट, डिसायक्लोमीन, ब्रुफेन, बैंडेज, गौज, बीटाडीन कॉटन रौल, टेटभैक, स्प्रीट इत्यादि रखें।
- प्रत्येक पंडाल में पार्किग (Parking) की समुचित व्यवस्था रखें।
- किसी भी आपातकाल से बचने एवं सुरक्षित निकासी हेतु वैकल्पिक मार्ग पहले से चिन्हित कर रखें।
- कार्यक्रम के दौरान लाउड स्पीकर द्वारा लोगों को सुरक्षा से संबंधित जानकारी एवं चेतावनी देते रहे और इमरजेंसी नम्बरों को जगह-जगह प्रदर्शित करें।
- रात्रि 10ः00 बजे के बाद ध्वनि-विस्तारक यंत्र का प्रयोग न करें।
- पूजा के दौरान सुरक्षा के लिए पंडालों में प्रर्याप्त संख्या में सी0सी0टी0वी0 कैमरा जरूर लगा कर रखें।
- अग्निशमन एवं एम्बुलेंस के लिए आने जाने के लिए पर्याप्त रास्ता खुला रखें।
- पंडाल सड़क के किनारे ना बनायें, ध्यान रखें कि पंडाल से यातायात प्रभावित न हो।