पूर्व जन्म को सुधारती है श्रीमद् भागवती कथा:- आचार्य डॉ. परशुराम जी ‘भार्गव’
प्रोफेसर कॉलोनी, बिलासी टाउन कलिमलहारिणी भागवती कथा के पंचम दिवस में काशी के आचार्य डॉक्टर परशुराम तिवारी ने संगीतमयी कथा का रसास्वादान कराते हुए कहा कि इस युग के समस्त पाप का खंडन, पूर्व जन्म के मल को निर्मल करने का सामर्थ्य रखती है श्रीमद् भागवत कथा।
श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के पंचम दिवस में आचार्य डॉक्टर तिवारी ने पूतना और यमल- अर्जुन की कथा को समझाते हुए कहा कि पूर्व जन्म की बली पुत्री रत्नमाला नाम की कन्या इस जन्म में पूतना बनकर गोकुल में भगवान श्री कृष्ण को मारने आती है पर भगवान के द्वारा उसका उद्धार होता है। कारण पूर्व जन्म में उसके पिता के द्वारा किए गए सत्कर्म उसके मुक्ति का मार्ग खोलते हैं ठीक इसी तरह हम लोगों के भी इस जन्म के किए गए सब कर्म मुक्ति के मार्ग बनेंगे…. कहीं ना कहीं पूर्व जन्मों के कर्मों का ही परिणाम ही वर्तमान पद प्रतिष्ठा है यह मानना चाहिए।
भगवान के उखल में बंधने के कारण जब यामलार्जुन वृक्ष टूट कर गिरे तो उनके जगह पर दो गंधर्व कुमार बन करके प्रकट हुए। यह वृक्ष भी पूर्व जन्म में नलकूबर और मणिग्रीव नमक दो गंधर्व थे संत नारद जी का अपमान करने के कारण जड़ (पेड़ )हो जाने का शाप प्राप्त किए थे।
कहानी का अभिप्राय है जीव पूर्व कृत कर्मों का ही परिणाम वर्तमान में भोग रहा है यदि वर्तमान में भी अपने कर्मों में शुद्धता नहीं लाया तो भावी जीवन कितना भयंकर होगा यह सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है…
यह दोनों गंधर्व कुमार तो भगवान से यही कहे वाणी गुणानु कथने श्रवनौ°कथायाम्।
अर्थात हे प्रभु अब यह जीवन आपके गुणों की चर्चा करने एवं कथा को सुनने में ही व्यतीत हो।
अब हम लोगों को विचार करना चाहिए कि हमारा जीवन कितना भगवान में व्यतीत होता है और कितना संसार में?
कथा में भागवत का पारायण कर रहे आचार्य राजकुमार तिवारी, आचार्य प्रियांशु, आचार्य सर्वेश तथा मुख्य यजमान श्री कैलाश चंद्र झा उपस्थित थे।
कथा अपने नियम अनुसार 5:00 से 9:00 तक संचालित होगी।