देवघर (शहर परिक्रमा)

देवघर: छात्रों के बीच जेंडर एवं शोषण/हिंसा पर आधारित माड्यूल पर जागरूकता सत्र का आयोजन

विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम के तहत जे.सी.ई.आर.टी., स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार के अगुवाई एवं जिला शिक्षा विभाग तथा डायट जसीडीह के मार्गदर्शन व सेंटर फाॅर कैटलाइजिंग चेंज के तकनीकी सहयोग से आज दिनांक 05 दिसंबर को जिले के सभी विद्यालयों में विद्यालय स्वास्थ्य आरोग्य दूतों द्वारा छात्रों के बीच जेंडर एवं शोषण/हिंसा पर आधारित माड्यूल पर जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया।
वर्तमान परिवेश में जेडर आधारित हिंसा, महिलाओं एवं बालिकाओं के साथ बडे़ पैमाने पर घर, संस्थान, बाजार, विद्यालय एवं अन्य सार्वजनिक स्थानों पर हो रही है। ये हिंसा विभिन्न प्रकार की हो सकती है जैसे घरेलु हिंसा, मानसिक प्रताड़ना, यौन हिंसा, छेड़छाड एवं विभिन्न प्रकार के अपशब्द को इस्तेमाल कर परेशान करने सबंधी। उपरोक्त सभी प्रकार के विषय एवं मुद्दों के बारे में बालिकाओं को जागरूक कर, स्वावलंबी एवं जानकार बनाने हेतु विद्यालय स्वास्थ्य एवं कल्याण कार्यक्रम में भी जेंडर एवं उससे सबंधित भेदभाव एवं शोषण के विभिन्न प्रकार को सम्बोधित करने हेतु विषयों का समावेशन किया गया है ताकि जेंडर समानता की परिकल्पना को सकारात्मक स्वरूप दिया जा सके साथ ही साथ हिंसा होने के समय कोई भी महिला या बालिका किनसे संपर्क कर सकती है के बारे में उन्हें जानकारी देना है।
भारत सरकार द्वारा इस दिशा में सकारात्मक पहल करते हुए नई चेतना नामक राष्ट्रीय अभियान की शुरूआत की गई है जिसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं एवं बालिकाओं के साथ हो रहे जेडर आधारित हिंसा के प्रति विरोध जताना एवं व्यापक जागरूकता फैलाना है। उपरोक्त को ध्यान में रखते हुए जिले के सभी विद्यालयों जहाॅ 6 या उससे उपर की पढ़ाई होती है में छात्रों के बीच जेंडर एवं शोषण/हिंसा पर जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया।
संबोधन के दौरान गतिविधि आधारित माध्यमांे एवं जीवतं उदाहरण के सहारे छात्रों को विस्तार पूर्वक जेंडर क्या है, जेंडर भुमिका पर आधारित भेदभाव एवं हिंसा व इससे निपटने के तरीके, हिंसा क्या है, हिंसा का पता लगाना, हिंसा और उसके प्रभाव, हिंसा,चोट और मदद लेना आदि के बारे में विभिन्न बातों को साझा किया गया ताकि वे जेंडर एवं शोषण/हिंसा को समझ सकें।
कार्यक्रम समग्र शिक्षा देवघर, डायट जसीडीह एवम सेंटर फ़ॉर कैटालाइजिंग चेंज के सामूहिक प्रयास से संभव हुआ ।