दुमका (शहर परिक्रमा)

दुमका: शादी के लिए घर से भागे किशोर-किशोरी को आरपीएफ ने पकड़ा

सीडब्ल्यूसी ने की मामले की सुनवायी, दोनों को परिजनों के हवाले किया

दुमका: गोड्डा के नाबालिग किशोरी और किशोर को गुरूवार को आरपीएफ ने बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट के समक्ष प्रस्तुत किया। ये दोनों पोड़ैयाहाट से बुधवार की शाम में ही ट्रेन से दुमका रेलवे स्टेशन पहुंच गये थे और गुरूवार की सुबह दुमका से कविगुरू एक्सप्रेस से हावड़ा जानेवाले थे कि रेलवे सुरक्षा बल की नजर इनपर पड़ गयी। दोनों नाबालिग थे लिहाजा इन्हें समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया जहां दोनों का बयान दर्ज किया। दोनों गोड्डा जिले के रहनेवाले है और शादी करने के लिए आंध्र प्रदेश जा रहे थे। किशोरी के बैग में कपड़ों के अलावा आरी पत्ती का ब्लेड भी मिला। 16 वर्षीय किशोरी ने अपने बयान में बताया कि वह चार बहन व दो भाई है। उसके माता-पिता व दोनों भाई मुम्बई में रहते हैं। वह किशोर से प्रेम करती है और उससे शादी के लिए उसके साथ जा रही थी। जब उसे बताया गया कि शादी के लिए लड़की की उम्र 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिये तो उसने कहा कि बालिग होने पर वह इसी लड़के से शादी करना चाहेगी। 17 वर्षीय किशोर ने बताया कि उसके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है। उसका परिवार मिट्टी के बर्तन आदि बनाने का पारंपरिक काम करता है। उसका भाई आंध्र प्रदेश में बांस का काम करता है। वह किशोरी को साथ लेकर उससे शादी करने अपने मंझले भाई के पास जा रहा था। दोनों हावड़ा से आंध्र प्रदेश जानेवाले थे कि दुमका रेलवे स्टेशन में ट्रेन पर चढ़ने से पहले ही आरपीएफ ने दोनों को पकड़ लिया। किशोरी को लेने के लिए उसका ममेरा भाई और किशोर को लेने के लिए उसके दादा व चाचा बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत हुए। चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय एवं कुमारी बिजय लक्ष्मी ने इस मामले की सुनवाई करते हुए चचेरे मामा को फिट पर्सन घोषित करते हुए किशोरी को उनके संरक्षण में दे दिया जबकि किशोर को उसके दादा को सौंप दिया गया। समिति ने दोनों को आदेश दिया है कि सात दिनों के अंदर किशोर एवं किशोरी को गोड्डा के बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।

रिपोर्ट- आलोक रंजन Alok Ranjan