देवघर: सदर अस्पताल में मनाया गया राष्ट्रीय डेंगू दिवस
डेंगू से बचाव हेतु एडवाइजरी का अनुपालन सभी के लिए जरूरी: स्वास्थ्य उपनिदेशक, डॉ अनिल कुमार
सप्ताह में एक दिन अपने घर तथा आसपास में सूखा दिवस मनाएं और डेंगू के मच्छर को पनपना से रोकें: क्षेत्रीय उपनिदेशक, दुमका डॉ आर.एन झा
राष्ट्रीय डेंगू दिवस 16 मई 2024 के अवसर पर झारखंड के स्वास्थ्य उपनिदेशक, डॉ अनिल कुमार, क्षेत्रीय उपनिदेशक, दुमका डॉ आर.एन झा एवं सिविल सर्जन सह जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉ रंजन सिन्हा, देवघर एवं उपाधीक्षक सदर अस्पताल – डॉ प्रभात रंजन की संयुक्त अध्यक्षता में राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया गया। इस दौरान डेंगू /चिकनगुनिया से संबंधित रोकथाम एवं बचाव कार्य के निमित्त जन जागरूकता हेतु सदर अस्पताल सभागार देवघर में दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
उपनिदेशक, डॉ अनिल कुमार एवं सिविल सर्जन-सह-जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉ रंजन सिन्हा ने बताया कि मानसून के दौरान एवं मानसून के पश्चात डेंगू के प्रसरण की संभावना अत्यधिक बढ़ जाती है जिसका मुख्य कारण होता है डेंगू से बचाव संबंधी उपायों के प्रति जन समुदाय में अनभिज्ञता। क्योंकि डेंगू एक विषाणु जनित रोग है जो संक्रमित मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है। मॉनसून काल के दौरान वेक्टर जनित रोग जैसे मलेरिया के साथ डेंगू/चिकनगुनिया एवं जापानीज इन्सेफेलाइटिस जैसी वायरल बीमारियों का खतरा अधिक बना रहता है। देवघर में डेंगू चिकनगुनिया के ज्यादातर केसेस माइग्रेटेड आते हैं, जिसके लिए यहां विशेष ध्यान देने एवं बाहर से आने वाले लोगों को चिन्हित करना और उनके स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है। सिविल सर्जन डॉ. रंजन सिन्हा द्वारा राज्य मुख्यालय से प्राप्त एडवायजरी के बारे में चर्चा करते हुए कहा गया कि इसमें स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त अन्य विभागों का भी सहयोग अपेक्षित है यथा नगर निगम, नगर पालिका, सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, पदाधिकारियों एवं अन्य विभागों को पत्र लिखकर डेंगू के महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश दिए गए हैं। साथ ही सदर अस्पताल सहित सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को इसकी रोकथाम एवं बचाव के लिए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी अस्तपाल में डेंगू मरीजों के लिए अलग से वार्ड की व्यवस्था करने हेतु अस्पताल के अधीक्षक एवं प्रभारी से कहा गया है ताकि वैसे रोगी का बेहतर इलाज हो सके एवं रोगी से अन्य व्यक्तियों में डेंगू के संक्रमण से बचाया जा सके। डेंगू/बताया गया कि चिकनगुनिया एक वायरल बीमारी है जो संक्रमित मादा एडिज मच्छर के काटने से होता है। इस बीमारी का कोई सटीक दवा या टीका उपलब्ध नहीं है। इसका इलाज लक्षण के आधार पर डाक्टर के परामर्श के अनुसार ही किया जाता है। डेंगू/चिकनगुनिया के प्रसार को रोकने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष 16 मई को राष्ट्रीय डेंगू दिवस पूरे देश में मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य इस खतरनाक बीमारी से बचने हेतु जन-जागरूकता एवं लोगों के व्यवहार में परिवर्तन लाना है।
जिला भी.बी.डी. सलाहकार डॉ गणेश कुमार द्वारा बताया गया कि डेंगू के मच्छर हमारे घर तथा आसपास में जमे साफ एंव स्थिर पानी में पैदा होते हैं जिनमें नारियल की खोपड़ी, डाभ, कूलर में जमा पानी, पुराने टायर एवं फूलदान, गमला, कूलर आदि इनका प्रमुख प्रजनन स्थल है जिसे समय-समय पर नष्ट किया जाना अति आवश्यक है। घर के आस-पास पानी जमा नहीं होने दें। यह मच्छर दिन में काटते हैं। इसलिए दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें। इस रोग के लिए किसी प्रकार का टीका या दवा आज तक उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में डेंगू से बचाव हेतु जन जागरूकता एवं मच्छरों के प्रजनन को नष्ट करना ही एक महत्वपूर्ण उपाय है।
डॉ गणेश कुमार, जिला भीबीडी सलाहकार देवघर द्वारा बताया गया कि पिछ्ले बर्ष की तुलना में इस बर्ष 2023 में डेंगू व चिकुनगुनिया के मरीजो की संख्या में काफी वृद्धि देखी गई है। देवघर जिला के कुल 1391 संभावित रोगियों में से डेंगू के कुल 220 तथा चिकनगुनिया के 34 धनात्मक पाए गये है, वही अन्य जिला एवं राज्य के इलाज हेतु देवघर आये कुल 240 संभावित रोगियों में से डेंगू के कुल 39 तथा चिकनगुनिया के 10 धनात्मक पाए गये है।
उन्होंने बताया कि इस वर्ष नौवां राष्ट्रीय डेंगू दिवस मनाया जाना है जिसका थीम – “Dengue Prevention : Our Responsibility for a Safer Tomorrow” अर्थात “डेंगू की रोकथामः सुरक्षित कल के लिए हमारी जिम्मेदारी” है।