कोडरमा (शहर परिक्रमा)

कोडरमा: डीएवी के बच्चों ने विश्व पर्यावरण दिवस पर लोगों को दिया संदेश

5 जून को डीएवी पब्लिक स्कूल, झुमरी तिलैया, कोडरमा के बच्चों ने विश्व पर्यावरण दिवस पर ऑनलाइन कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों को पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूक किया। बच्चों ने विभिन्न प्रकार के क्रियाकलापों द्वारा पर्यावरण को संतुलित न रखने एवं उनके साथ छेड़छाड़ करने से प्रकृति पर पड़ने वाले दुष्परिणामों से लोगों को सतर्क किया । पर्यावरण संरक्षण एवं सुरक्षा हमारा परम ध्येय होना चाहिए तभी हमारा जीवन सुरक्षित रह सकता है। कार्यक्रम के तहत 8 बी के सौहार्द्र शंकर, 7 ए की आयुषी कश्यप एवं मनस्वी ने पर्यावरण दिवस पर एक सुंदर कविता प्रस्तुत कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। सक्षम सिन्हा, अलीशा सिंह 9 ए, सोनी कुमारी, सृष्टि कुमारी 9 ई, सतीश यादव 10 ई ने हिंदी व अंग्रेजी में पर्यावरण संरक्षण एवं सुरक्षा पर वक्तव्य देकर लोगों को जागरूक किया। 8 डी की रिधिमान, श्रेया भट्ट 10 ई, आयुषी एवं मनस्वी 7 ए एवं अन्य बच्चों ने विश्व पर्यावरण दिवस पर सुंदर, आकर्षक और प्रेरणादायक पोस्टर बनाकर लोगों को अभिप्रेरित किया। विद्यालय के बच्चों ने अपने-अपने घरों में विभिन्न प्रकार के पौधे लगाए एवं अन्य लोगों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया। बच्चों ने वृक्षारोपण कर लोगों को जागरुक करते हुए संदेश दिया कि अगर हम सभी लोग वृक्षारोपण नहीं करेंगे केवल लगाए गए पेड़ों को काटेंगे तो वह दिन दूर नहीं होगा जब हम बूंद -बूंद पानी एवं शुद्ध हवा के लिए तरस जाएंगे। स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रकृति के साथ सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाना पड़ेगा नहीं तो आने वाले समय में हम सभी को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे।

मौके पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने ग्रीष्मावकाश के दौरान विश्व पर्यावरण दिवस पर लोगों को जागरूक करने के लिए बच्चों द्वारा किए गए कार्यक्रमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस वैश्विक स्तर पर सामाजिक एवं राजनैतिक जागृति लाने के लिए लोगों को पर्यावरण की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिए अभिप्रेरित एवं जागरूक किया जाता है। पर्यावरण में वायु , जल भूमि, पेड़ पौधे, जीव- जंतु, मानव एवं उनकी गतिविधियों का समावेश होता है। पर्यावरण का संरक्षण एवं सुरक्षा हमारा परम दायित्व है। इसके लिए हमें स्वयं के साथ-साथ लोगों को भी जागरूक करना पड़ेगा। आज पूरा विश्व ग्लोबल वार्मिंग की समस्या से जूझ रहा है। इसका प्रमुख कारण हम सभी का नकारात्मक दृष्टिकोण एवं ठीक ढंग से सामंजस्य स्थापित नहीं करना है। हमें पेड़ -पौधों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगाना होगा एवं आधिकारिक मात्रा में पेड़ -पौधे लगाकर धरती को सुरक्षित रखना होगा तभी हमारा जीवन सुरक्षित रह पाएगा। मानव और पर्यावरण का अटूट संबंध है। प्रकृति पर्यावरण के असंतुलित होने से मानव जीवन पर बुरा असर पड़ रहा है तथा हम सभी प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हो रहे हैं। हमारे जीवन की प्रत्येक घटना इसी पर्यावरण पर निर्भर करती और संपादित होती है। हम लोगों द्वारा की जाने वाली समस्त क्रियाएं पर्यावरण को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं। हमें इस पर विशेष ध्यान देकर लोगों को जागरूक करना होगा। हमें जल संरक्षण, प्रदूषण, साफ -सफाई, वृक्षारोपण आदि पर विशेष ध्यान देना होगा तभी हमारा जीवन सुरक्षित रह सकता है।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में शुभाश्री रथ, मनोज कुमार सिंह, संगीता जेठवा, पी बी खड़ंगा, आनंदी प्रसाद आदि का योगदान रहा।