देवघर: बापू आशाराम के शिष्य रामा भाई द्वारा बापू की रिहाई के लिए प्रेस वार्ता का आयोजन
आज आशारामजी बापू के शिष्य रामा भाई दो दिवसीय गीता भागवत सत्संग हेतु शांति कोठी, देवघर पहुंचे। इस अवसर पर देवघर के विभिन्न पत्रकार बंधुओ के साथ प्रेस वार्ता का भी आयोजन किया।
मौके पर उन्होंने कहा कि परम पूज्य संत श्री आशाराम जी बापू को झूठे आरोपों में फंसा कर 11 वर्षों से भी अधिक समय से कारागार में रखा गया है जो कि भारतीय संस्कृति के लिए घातक सिद्ध हो रही है।
आगे उन्होंने कहा कि 2004 में शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती जी को झूठे आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया था। जिसके वजह से जंतर मंतर में पूज्य बापूजी धरना पर बैठे और कुछ ही समय के अंतराल में जयेंद्र सरस्वती जी को रिहा किया गया।
वहां से आने के बाद पूज्य बापूजी ने अपने सत्संग कार्यक्रमों में भविष्यवाणी की कि अब अपने आश्रम और समितियां पर झूठे आरोप लगेंगे और फंसाए जाएंगे। ये भविष्यवाणी सन 2008 से विशेष रूप से क्रियान्वित होने लगी।
योजना के तहत अहमदाबाद गुरुकुल में दो बच्चों की संदिग्ध अवस्था में मौत हुई जो की कुछ वर्षों में प्रशासन ने क्लीन चिट दे दिया। उसके बाद षड्यंत्र कारी बौखला गए। उन्होंने चारित्रिक आरोप लगाने की तैयारी के तहत निर्भया कांड के पश्चात pocso act में संशोधन कर पहले आरोपी बापूजी को बनाकर उन्हें जेल में डाला गया।
आगे उन्होंने कहा कि अब तक देखा गया कि जिन संतों ने सनातन संस्कृति के हित में कार्य किया और जिन्होंने कई सनातनियों को घर वापसी कराई उन सभी को आरोप लगाकर जेल में डाला गया या जान से मार दिया गया। जैसे उड़ीसा में लक्ष्मनानंद सरस्वती जी को टांगी से काटकर और जिंदा आग में डाल दिया गया। अन्य संत जैसे स्वामी केशवानंद, स्वामी नित्यानंद, कृपालु जी महाराज आदि पर भी घृणित आरोप लगाया गया। पूज्य बापूजी ने 80 लाख घर वापसी करवाई, जिसके कारण ईसाई मिशनरियां और बहुराष्ट्रीय कंपनियां इनकी दुश्मन बनी और षड्यंत्र रच कर उन्हें जेल में डाल दिया। न्यायिक प्रक्रिया के द्वारा सेशन कोर्ट ने सजा सुनाई है। हमने हाई कोर्ट में अपील लगाई है वहां भी सुनवाई होनी बाकी है। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है कि एक दिन सत्य की विजय होगी और हमारे गुरुदेव अवश्य बाहर आएंगे।
इस इस प्रेस वार्ता के दौरान संदीप भाई, डा महेश कुमार आत्मानंद, पवन गुप्ता,जयप्रकाश बरनवाल,संजय भगत,कमल मिश्रा,जगदीश बाबू, दिवाकर बरनवाल, भागवत, राजेश, गोपाल आदि मौजूद थे।