रक्षाबंधन के लिए ये है शुभ मुहूर्त
देवघर। श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को हर साल रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। बहन अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर उसके सुखद भविष्य की कामना करती है और भाई भी बहन की जीवन पर्यंत रक्षा करने का प्रण लेते हैं।
ज्योतिषाचार्य के अनुसार 19 अगस्त रक्षाबंधन के दिन भद्रा समाप्ति के बाद दोपहर 1:30 बजे से शाम 7 बजे तक लगातार चर लाभ और अमृत के शुभ चौघड़िया मुहूर्त उपस्थित रहेंगे, इसलिए दोपहर 1:30 बजे से शाम 7 बजे के बीच राखी बांधने के लिए श्रेष्ठ समय होगा। 19 अगस्त को सूर्योदय से पहले ही प्रातः 3:04 बजे शुरू हो जाएगी और पूरे दिन उपस्थित रहेगी। इसलिए इस बार रक्षाबंधन का पर्व 19 अगस्त सोमवार को मनाया जाएगा। इस बार 19 अगस्त रक्षाबंधन के दिन 3:04 बजे से भद्रा भी लग जाएगी और दोपहर 1 बजकर 29 मिनट तक भद्रा उपस्थित रहेगी। इस दिन पूर्णिमा प्रातः 3:04 से रात्रि 11:55 तक है। मौके पर स्थानीय विवेकानंद शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं क्रीड़ा संस्थान के केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. प्रदीप कुमार सिंह देव ने कहा- रक्षा बंधन का त्योहार भारतीय त्योहारों में से एक प्राचीन त्योहार है। रक्षा-बंधन यानि रक्षा का बंधन, एक ऐसा रक्षा सूत्र जो भाई को सभी संकटों से दूर रखता है। यह त्योहार भाई-बहन के बीच स्नेह और पवित्र रिश्ते का प्रतिक है। रक्षाबंधन एक सामाजिक, पौराणिक, धार्मिक और ऐतिहासिक भावना के धागे से बना एक ऐसा पावन बंधन है, जिसे रक्षाबंधन के नाम से केवल भारत में ही नहीं बल्कि नेपाल और मॉरेशिस में भी बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। राखी के त्योहार को हम संपूर्ण भारतवर्ष में सदियों से मनाते चले आ रहे हैं। आजकल इस त्योहार पर बहनें अपने भाई के घर राखी और मिठाइयाँ ले जाती हैं। भाई राखी बाँधने के पश्चात् अपनी बहन को दक्षिणा स्वरूप रुपए देते हैं या कुछ उपहार देते हैं। रक्षाबन्धन के दिन राखी बाँधने की बहुत पुरानी परम्परा है। रक्षाबंधन एक रक्षा का रिश्ता होता है जहाँ पर सभी बहन और भाई एक दूसरे के प्रति प्रेम और कर्तव्य का पालन, रक्षा का दायित्व लेते हैं और ढेर सारी शुभकामनाओं के साथ रक्षाबंधन का उत्सव मनाते हैं। जैन धर्म में भी राखी का बहुत महत्व होता है। यह बात जरूरी नहीं होती कि जिनको बहनें राखी बाँधे वे उनके सगे भाई हो, लडकियाँ सभी को राखी बाँध सकती हैं और सभी उनके भाई बन जाते हैं। इस दिन बहन भाई के लिए मंगल कामना करती हुई उसे राखी बाँधती है। भाई उसे हर स्थिति में रक्षा करने का वचन देता है। इस प्रकार रक्षा बंधन भाई बहन के पावन स्नेह का त्योहार है।