देवघर (शहर परिक्रमा)

यहाँ एक दिन पहले ही मनाया जाता है कर्मा परब

देवघर: कर्मा पूजा एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो मुख्य रूप से झारखंड, बिहार, ओडिशा और असम जैसे पूर्वी भारतीय राज्यों में मनाया जाता है। कर्मा पूजा का महत्व यह है कि यह त्योहार किसानों को अपनी भूमि और फसलों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है।
    हालांकि कर्मा पूजा भाद्रपद मास की एकादशी को मनाई जाती है, जो आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में पड़ती है। लेकिन घोरमारा के माल भण्डारो गांव में भादो के राधाष्टमी को कर्मा पूजा मनाया जाता है।
       पथ निर्माण विभाग के अभियंता राजेश मंडल बताते हैं कि हमारा गाँव ही ऐसा है जहां भादो के राधाष्टमी को कर्मा पूजा मनाया जाता है, बाक़ी जगहों पर एकादशी को। इस मौके पर जिसकी नई नई शादी हुई रहती है वो भी मायके आ जाती है। गाँव की लड़कियाँ कर्मा पूजा से कई दिन पहले से तैयारी में लग जाती है। करम डाल लाया जाता है, मिट्टी का घोड़ा बनाया जाता है। घर घर पूआ बनता है। अष्टमी शाम में दिन भर की भूखी सभी लड़कियाँ करम डाल को घेर कर बैठ जाती है। गाँव के किसी व्यक्ति को कहानी बताने वाला बनाया जाता है। उसके पाँव धोये जाते हैं, उन्हें माला पहनाया जाता है।

कहानी बोलने वाले शुरू करते हैं –
‘बारह महीना बारह परब,
भादो महीना कर्मा परब।
सुनियो कर्मती!’

कहानी एक व्यक्ति का है जिसका कर्म भस्म हो गया है। उस जले हुए कर्म को वापस पाने की संघर्षपूर्ण कहानी है। कहानी को बीच बीच में रोक कर गाँव के लोग कॉमेडी करते हैं। मैं भी करता था। लोग हंसते हैं, मनोरंजन करते हैं। प्रत्येक कॉमेडी के बाद प्रयेक से पूआ उठाया जाता है जो अंत में प्रसाद के रूप में वितरण होता है। कहानी ख़त्म होता है तो प्रत्येक कर्मती पूआ लेकर डाल के चारों चक्कर घुमाकर वहीं रख देती है। उसी से समय एक व्यक्ति प्रत्येक कर्मती के पीठ पर करम पत्ता को पीठ में हल्का मारकर पूछते हैं – ‘केकर करम (कर्म) कर्मती?’

कर्मती बोलती है –
‘अपन करम (कर्म) भाया (भाई) धरम!’

अर्थात् बहने जो भी अच्छा कर्म करेगी उसका फल और धर्म भाई को मिलेगा।

सब जब यह काम कर लेती है तो पूजा संपन्न माना जाता है। इसके बाद सारे कर्मती डाल के चारों तरफ़ घूम घूम कर नाचती गाती है।
उसमें एक गाना चलता था –

कारो हाँड़ी कारो हाँड़ी
उसरको धान
देखो हे गाँवक लोग
माग रूसल
मुनिस कुटल धान!

संवाददाता: अजय संतोषी

One thought on “यहाँ एक दिन पहले ही मनाया जाता है कर्मा परब

  • Niraj kishor sungh

    अद्भुत यह सब जानकारी देने के लिए तहे दिल से धन्यवाद

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