देवघर (शहर परिक्रमा)

साहित्य समागम भारत की ओर से काव्याभिषेक का आयोजन



देवघर: देवघर की राष्ट्रीय स्तर की साहित्यिक संस्था “साहित्य समागम भारत” के तत्वाधान में रविवार को स्थानीय न्यू ग्रैंड होटल के सभागार मे अखिल भारतीय कवि सम्मेलन – कव्याभिषेक का आयोजन किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि भू – विज्ञानिक डॉ मेहता नगेंद्र सिंह, विशिष्ट अतिथि प्रो रामनंदन सिंह, डॉ ब्रह्मदेव कुमार, श्री अनंत नारायण दुबे व समागम के राष्ट्रीय संयोजक /संस्थापक रवि शंकर साह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।

इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि भू -वैज्ञानिक, रक्षा मंत्रालय भारत सरकार डॉ 0 मेहता नगेन्द्र सिंह ने कहा कि साहित्य ,संगीत से ही मानव जीवन का सम्पूर्ण विकास होता है। उन्होंने पर्यावरण पर आधारित कविता सूना कर लोगों का ध्यान आकृष्ट किया। है । कवयत्री सोनम झा ने पुलवामा हमला पर आधारित कविता बाबू जी चश्मा ढूढ़ने वाला आ रहा है। पटना से आये कवि पानी पिओ हिओ हिओ सुनाया। जबकि कोलकाता से आई कवीयत्री डॉ उर्मीला साव ने कली कोलकाता से निकली कविता सूना कर तालिया बटोरी। रोहित शेखर ख्वाड़े ने धर करतल कपाल पर अपनी , सागर कुमार ने तू है नारी खुद को पहचान कविता सुनाएँ। संस्था के संरक्षक डॉक्टर ब्रह्मदेव कुमार व उनकी धर्मपत्नी द्वय ने अंगीका गीत की युगलबंदी की। प्रकाश यादव ने – हो शंखनाद , डॉ परशुराम तिवारी ने तुम भी विभीषण बन जाओ सुनाया।
इस कार्यक्रम मे गिरिडीह से नेतलाल यादव, गोड्डा से अनंत नारायण दुबे, डॉ मनोज राही, सूरजीत झा, फूल कुमारी, डॉ अर्पणा गुप्ता, विनीता प्रियदर्शिनी, चतरा से संध्या रानी, श्वेता सिंहा, सविता बनर्जी, कोलकता से डॉ उर्मिला साव कामना , नालंदा से ऋषभ देव, धनबाद से पंकज दुबे, सुल्तानगंज से डॉ मनीष कुमार चौरसिया सहित देश भर के कवि व साहित्यकार शमिल हुए। जिसमे सर्वाधिक कवि /कवयत्री कोलकत्ता, आसनसोल, रांची, धनबाद, गिरिडीह, पटना, खगड़िया, नवादा, सुल्तानगंज, भागलापुर, गोड्डा, महगामा, चतरा, देवघर, सारठ, मधुपुर, बांका, अयोध्या, आदि जगहों के रहें हैं। सभी आगंतुकों का सम्मान संस्था के संस्थापक रवि शंकर साह व अतिथिओ के हाथों सम्मान शॉल, मोमेंटो व सम्मान पत्र देकर किया।
धन्यवाद ज्ञापन वरिष्ठ साहित्यकार प्रशांत कुमार सिन्हा ने किया।