कोडरमा (शहर परिक्रमा)

‘मम्मी-पापा वोट दो’ स्वीप कार्यक्रम के तहत डीएवी कोडरमा के बच्चों ने अभिभावकों को पत्र लिखा


डीएवी पब्लिक स्कूल झूमरी तिलैया ,कोडरमा में स्वीप कार्यक्रम के तहत बच्चों ने विद्यालय परिसर में पत्र लेखन का कार्य किया। प्रार्थना के उपरांत बच्चों ने अपने-अपने अभिभावकों को मतदान के महत्व को दर्शाने के लिए तथा उन्हें उसके प्रति जागरूक करने के लिए पत्र लिखा। इस पत्र लेखन कार्यक्रम में विद्यालय के लगभग 1900 बच्चों ने भाग लेकर अपने -अपने अभिभावकों को 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के महापर्व में शत -प्रतिशत वोटिंग के लिए अभिप्रेरित किया। पत्र द्वारा बच्चों ने अपने अभिभावकों को बताया कि आपका एक बहुमूल्य मत आपकी दृष्टि में महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन एक मत समाज की दिशा एवं दशा के परिवर्तन के लिए काफी है। आप अवश्य अपने मताधिकार का प्रयोग करें। किसी के दबाव या बहकने में ना आएं । विद्यालय के बच्चों ने अपने अभिभावकों को भविष्य के प्रति सजग करते हुए शत -प्रतिशत मतदान करने का आग्रह किया। बच्चों ने कहा कि हमें मतदान करते समय बिना किसी प्रलोभन , दबाव, भय,जाति-पांति भेदभाव से ऊपर उठकर निष्पक्ष रूप से योग्य उम्मीदवार के लिए अपने मतदान का प्रयोग करना चाहिए। मतदान करने में हम पूर्ण से स्वतंत्र हैं ।

मौके पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने स्वीप कार्यक्रम के तहत बच्चों की अपने -अपने अभिभावकों के प्रति पत्र लेखन कार्यक्रम में सहभागिता को देखकर अत्यंत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि बच्चों की यह अनूठी पहल अवश्य सकारात्मक सिद्ध होगी। बच्चे अभी मतदान करने के योग्य नहीं है परंतु उनके अंदर दूसरों को मतदान का प्रयोग करने के लिए प्रेरित करने की अलौकिक क्षमता है। बच्चे भविष्य के कर्णधार होते हैं। इन पर ही देश का भविष्य टिका है। मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि बच्चों का यह मोटिवेशन उनके अभिभावकों के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में अवश्य सार्थक सिद्ध होगा। इस तरह का कार्यक्रम सफल लोकतंत्र के बीजारोपण के लिए आवश्यक कदम है। इससे ऐसे लोगों में जागरूकता बढ़ेगी जो मताधिकार के महत्व से पूर्णतः वंचित रहना चाहते हैं। स्वयं मतदान न कर दूसरों को भी मतदान करने से रोकते हैं। प्राचार्य महोदय ने बच्चों से कहा कि सभी बच्चे अपने-अपने घरों में जाकर अपने अभिभावकों एवं बड़े बुजुर्गों को 13 नवंबर को होने वाले मतदान के लिए अवश्य भेजें। जो भी बड़े बुजुर्ग मतदान करने में शारीरिक रूप से असक्षम हैं उन्हें मतदान बूथ तक ले जाने में अवश्य मदद करें। उन्हें किसी के बहकावे में ना आने दें। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी शिक्षकों की भूमिका रही।