हवा से भी मिलते हैं पोषक तत्व
मनुष्य हवा से भी कुछ पोषक तत्व ग्रहण कर सकता है। सांस के जरिये लिए जाने वाले पोषक तत्व एयरोन्यूट्रिएंट्स (हवाई पोषक तत्व) कहलाते हैं, जबकि आंतों द्वारा अवशोषित किए जाने वाले तत्वों को गैस्ट्रोन्यूट्रिएंट्स कहा जाता है। एडवांस इन न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक नए अध्ययन में विज्ञानियों ने लिखा है कि सांस के जरिये हमारे आहार में जिंक, मैंगनीज और आयोडिन जैसे जरूरी पोषक तत्वों को शामिल किया जा सकता है। हम प्रतिदिन लगभग 9,000 लीटर हवा अंदर लेते हैं। जीवन भर में 43.8 करोड़ लीटर हवा हमारे शरीर में पहुंचती है। खाने के विपरीत, सांस लेना कभी बंद नहीं होता । अभी तक वायु के स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में अधिकांश शोध प्रदूषण पर केंद्रित रहे हैं। हजारों सालों से विभिन्न संस्कृतियों ने प्रकृति और ताजी हवा को स्वास्थ्यवर्धक माना है। आक्सीजन तकनीकी रूप से एक पोषक तत्व है। सभी जानते हैं कि यह रासायनिक पदार्थ शरीर के बुनियादी कार्यों को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
हवाई पोषक तत्व मुख्य रूप से नाक, फेफड़े और गले के पीछे छोटी रक्त वाहिकाओं के नेटवर्क के माध्यम से अवशोषित होकर हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं। फेफड़े आंत की तुलना में कहीं अधिक बड़े अणुओं को अवशोषित कर सकते हैं। ये अणु 260 गुना बड़े होते हैं। ये अणु रक्तप्रवाह और मस्तिष्क में अवशोषित होते हैं। सांस के जरिये ली जाने वाली दवाएं जैसे कोकेन, निकोटीन और एनेस्थेटिक दवाएं कुछ ही सेकंड में शरीर में प्रवेश कर जाती हैं। वे मुंह से ली जाने वाली दवाओं की तुलना में बहुत कम सांद्रता पर प्रभावी होती हैं। इसकी तुलना में आंत एंजाइम और एसिड के साथ पदार्थों को उनके सबसे छोटे भागों में विभक्त कर देती है। आंत स्टार्च, शर्करा और अमीनो एसिड को ग्रहण करने में बहुत अच्छी है, लेकिन यह कुछ खास प्रकार की दवाओं को लेने में इतनी अच्छी नहीं है।
सांस के जरिये महत्वपूर्ण तत्वों के शरीर में प्रवेश का विचार नया नहीं है। 70 साल पहले प्रकाशित शोध से पता चला था कि स्प्रे के रूप में विटामिन बी 12 का प्रयोग इस विटामिन की कमी का इलाज कर सकता है। यह उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है जिनमें बी12 की कमी की दर अधिक है। इनमें शाकाहारी, वृद्ध लोग, डायबिटीज से पीड़ित लोग और अत्यधिक शराब का सेवन करने वाले लोग शामिल हैं। विज्ञानियों का कहना है कि मैंगनीज और जिंक नाक में गंध को महसूस करने वाली स्नायु कोशिकाओं के माध्यम से मस्तिष्क में प्रवेश कर सकते हैं। मैंगनीज एक आवश्यक पोषक तत्व है, लेकिन इसका बहुत अधिक सेवन मस्तिष्क को नुकसान पहुंचा सकता है।
-विजय गर्ग