कोडरमा (शहर परिक्रमा)

डीएवी कोडरमा में विश्व एड्स दिवस पर बच्चों ने किया लोगों को जागरूक


कोडरमा: 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस पर डीएवी पब्लिक स्कूल, झुमरी तिलैया के बच्चों ने विभिन्न कार्यक्रमों के द्वारा लोगों को जागरूक किया। इस अवसर पर बच्चों ने अंग्रेजी एवं हिंदी में स्लोगन, कविता तथा वक्तव्य के द्वारा लोगों को एचआईवी एड्स की घातक एवं जानलेवा बीमारी से सतर्क एवं सचेत किया । कार्यक्रम के तहत गोल्डी, क्रिस्टी, दिव्या, देबोप्रिया ने अंग्रेजी एवं हिंदी में प्रेरणादायक स्लोगन लिखकर लोगों को इस बीमारी से बचाव का संदेश दिया। वहीं पर सातवीं कक्षा की आकृति ने कविता तथा 9 ए की सृष्टि ने अपने वक्तव्य के द्वारा राष्ट्रीय एड्स दिवस पर लोगों को एकजुट होकर बीमारी से बचने एवं उसके उपाय को अपनाने के लिए अभिप्रेरित किया। इस बीमारी ने पूरे समाज को प्रभावित कर एक बड़ी समस्या को जन्म दिया है।


मौके पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण कुमार सिंह ने राष्ट्रीय एड्स दिवस के अवसर पर बच्चों की पहल को देखकर अत्यंत प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। यह लोगों को एचआईवी एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाने, बीमारी से पीड़ित लोगों की सहायता करने तथा बचाव के विभिन्न उपायों को अपनाने के लिए सतर्क एवं सजग किया जाता है। सरकार द्वारा इस दिशा में लगातार सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। इसमें हम सभी को अपनी -अपनी सहभागिता सुनिश्चित करनी चाहिए। इस भयावह बीमारी ने पूरे विश्व की एक बड़ी आबादी को प्रभावित किया है जिसमें 15 से 50 वर्ष की आयु के लोगों को ज्यादातर देखा जा रहा है। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के तहत किए गए एड्स के रोकथाम संबंधी विभिन्न उपायों, नीतियों के द्वारा हम सभी लोगों को एक नई दिशा दे सकते हैं। पूरा विश्व इस भयावह बीमारी की रोकथाम के लिए सतत प्रयासरत है । यह हम सभी लोगों के सामने एक विकट समस्या है। हमें स्वयं के साथ-साथ लोगों को भी जागरूक करना होगा तभी इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सफल हो सकता है। एचआईवी संक्रमण शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को इस हद तक कम कर देता है कि इसके बाद शरीर अन्य संक्रमणों से लड़ पाने में पूर्णतः असक्षम हो जाता है। शारीरिक और मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है हम सभी लोग एकजुट होकर इस बीमारी के उन्मूलन एवं बचाव में अपना सहयोग एवं योगदान दें।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने एवं बच्चों को का दिशा निर्देश करने में विद्यालय के शिक्षक पवन कुमार, आनंदी प्रसाद, मोहम्मद अली एवं लक्ष्मी गुप्ता का योगदान रहा।