देवघर (शहर परिक्रमा)

तीसरा जिला ओलंपिक चैंपियनशिप संपन्न, डिवाइन पब्लिक स्कूल बना चैंपियन

स्थानीय केकेएन स्टेडियम में चल रहे तीन दिवसीय स्कूल ओलंपिक चैंपियनशिप के तीसरे संस्करण का समापन काफी धूमधाम से संपन्न हुआ। इस चैंपियनशिप में कुल 13 खेलो के लिए 1530 खिलाड़ियों ने भाग लिया। इस वर्ष भी डिवाइन पब्लिक स्कूल 35 गोल्ड, 9 सिल्वर और 17 ब्रॉन्ज के साथ चैंपियन हुई। जबकि आरकेबीवीएम 19 गोल्ड, 19 सिल्वर और 15 ब्रॉन्ज के साथ उप विजेता बनी। वहीं चौथे संस्करण के लिए मैस्कॉट का अनावरण किया गया।

जानकारी हो कि चौथा स्कूल ओलंपिक 22 नवंबर 2025 से 24 नवंबर 2025 तक आयोजित होगा। विजेता टीम को ट्रॉफी देवघर जिला ओलंपिक संघ के अध्यक्ष डॉ सुनील खवाड़े के हाथों से दिया गया जबकि वह विजेता टीम को ट्रॉफी ओलंपिक संघ के गेम प्लानिंग कमेटी के अध्यक्ष आशीष झा, उपाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह, संजय मालवीय, मनोज मिश्रा, कृष्ण कुमार बर्नवाल और कोषाध्यक्ष नवीन शर्मा के हाथों दिया गया।

एकल प्रतियोगिताओं के ग्रुप चैंपियन को भी ट्रॉफी प्रदान किया गया। एथलेटिक्स में bss मधुपुर बैडमिंटन में, संत फ्रांसिस देवघर योग में, कास्टर टाउन डीएवी ताइक्वांडो में, डिवाइन पब्लिक स्कूल कराटे में, डिवाइन पब्लिक स्कूल बेस्ट मार्च पास्ट के लिए वहीं चेस में आरकेबीवीएम ने ट्रॉफी जीता।

कब्बड्डी (बालक) में केवीएस मधुपुर विजेता जबकि पागल बाबा स्कूल उपविजेता हुआ। बालिका में माउंट लीटेरा विजेता जबकि उपविजेता पागल बाबा हुआ।

मौके पर अध्यक्ष डॉ सुनील खवाड़े ने कहा कि ये शानदार आयोजन ओलंपिक संघ के सभी सदस्यों के अथक प्रयास से संभव हो पाया और मैं विश्वास दिलाता हूं कि ये खेल और भी भव्य होता रहेगा वहीं इसमें किसी तरह का स्पॉन्सर्ड से मदद नहीं लिया जाएगा। जो भी आर्थिक सहायता होगी मैं उसके लिए तैयार हूं और सदा रहूंगा।


विजेता उपविजेता सहित सभी स्कूल के प्रधानाध्यापक खेल टीचर की तारीफ करते हुए अध्यक्ष डॉ सुनील खवाड़े ने कहा कि स्कूल पढ़ाई के साथ साथ खेल पर इतना मेहनत कर रहा इसी का नतीजा है कि आज लगातार प्रतियोगिता में बच्चों की भागीदारी बढ़ती जा रही है।

इस आयोजन को सफल बनाने में दीपक, गौरव, बंटी नंदन सिंह, रजनी, सौरभ सिंह, अवधेश, प्रदीप, अंकेश, यश गुप्ता, रवि, टिंकू सिंह, लालू, आलोक, दुर्गेश, कौशल, मोनू, घनश्याम, आशीष, गिरधारी, प्रवीर, विप्लव, गौतम, आलोक बोस, प्रीतम भारद्वाज, राहुल राय, रमेश कुमार, शिबू सिंह सहित सभी खेल के तकनीकी पदाधिकारियों का योगदान अहम रहा।