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रील्स देखने का एडिक्शन…. कैसे करें कंट्रोल


रामी को जैसे ही घर के कामों से फुर्सत मिली, उसने अपना मोबाइल उठाया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जाकर रील्स देखना शुरू कर दिया। रील्स देखते-देखते कब एक घंटा गुजर गया, उसे पता ही नहीं चला। उसने सोचा था, बस दो चार रोल्स देखकर फिर अपने जरूरी काम करेगी। लेकिन एक घंटे से ज्यादा समय रोल्स देखते-देखते निकल गया। ईशानी को बहुत बुरा लगा कि उसने अपना इतना समय रील्स देखकर खराब कर दिया। लेकिन फिर शाम के वक्त थोड़ा खाली समय मिलने पर वह दोबारा रील्स देखने में मशगूल हो गई। वैसे इस तरह की समस्या से दो चार होने वाली सिर्फ हो नहीं है। आजकल हर दूसरा व्यक्ति सोशल मीडिया और रोल्स देखने के एडिक्शन के जाल में फँस गया है। आखिर क्या है, सोशल मीडिया और रील्स का एडिक्शन ? इसका शिकार होने पर किस तरह की समस्याएं लोगों के जीवन में आती है? इससे कैसे बचा जा सकता है? हमें जरूर जानना चाहिए।
क्या है सोशल मीडिया रील्स का एडिक्शन
आज दुनिया पूरी तरह से हाईटेक हो चुकी है। फोन के जरिए ही हम अपने बहुत से काम घर बैठे-बैठे कर लेते हैं। जैसे शॉपिंग करना, विल्स भरना। ऐसे जरूरी और समय लेने वाले काम आसानी से फोन के जरिए हो जाते हैं, जिससे लोगों के पास बहुत सारा समय बचता है। ऐसे में इस बचे हुए समय में वे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्टिव हो जाते हैं। शुरुआत में थोड़ा ही समय इन प्लेटफॉर्म पर लोग बिताते हैं, लेकिन वक्त के साथ उन्हें सोशल मीडिया कंटेंट और रोल्स देखने का चस्का सा लग जाता है। रोल्स देखते-देखते, वे भूल जाते हैं कि अपना कितना समय बर्बाद कर चुके हैं। घर हो या ऑफिस, जरा सा खाली समय मिलते ही लोग रोल्स देखने में बिजी हो जाते हैं। धीरे-धीरे यह आदत कब एडिक्शन में बदल जाती है, लोगों को पता भी नहीं चलता है। क्या कहती है स्टडी पिछले साल सामने आई एक स्टडी के अनुसार छह में से एक भारतीय हर रोज लगभग डेढ़ घंटा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गुजारता है, इसमें भी अधिक समय वह रोल्स देखने में गुजार देता है। सोचने और चिंता करने वाली बात है कि सिर्फ रील्स देखने में ही हर रोज एक घंटे से अधिक का समय लोग सोशल मीडिया पर बर्बाद करते हैं और इसके बदले में कोई पॉजिटिव रिजल्ट भी उनको नहीं मिलता है।
ऐसे करें एडिक्शन को कंट्रोल
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और रील्स का एडिक्शन अगर किसी को भी है तो ऐसा नहीं है कि वह इससे छुटकारा नहीं पा सकता है। इससे छुटकारा पाना या सोशल मीडिया एडिक्शन को बहुत हद तक कंट्रोल करना मुमकिन है। बस लोगों को थोड़ा जागरूक होना होगा। उन्हें खुद के समय की और जिंदगी की अहमियत को समझना होगा। साथ ही कुछ छोटी-छोटी बातों को महत्व भी देना होगा, जिससे वे सोशल मीडिया कंटेंट और रील्स के एडिक्शन से बाहर आ सकें। जैसे आपको सोशल मीडिया पर एक्टिव रहना ही है, रील्स देखनी ही है तो टाइम लिमिट सेट करके देखें। कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बाँच टाइम को आप फिक्स कर सकती हैं। तय किए गए समय के बाद आपके सामने मैसेज आता है. कि आप आगे रील्स देखना चाहते हैं या नहीं? इस मैसेज के आने पर आपको तुरंत ही फोन बंद कर देना चाहिए। आपको रील्स कुछ घंटों के लिए देखनी भी है तो नॉलेज देने वाली रील्स देखें। रील्स या कंटेंट ऐसा हो, जो आपकी जिंदगी को बेहतर बनाने का काम करें। वरना बेकार कंटेंट से दूरी ही बनाकर रखें।
हॉबीज को अहमियत दीजिए
सोशल मीडिया पर एक्टिव ना रहने पर आप शुरुआती दौर में बोरियत महसूस कर सकती हैं। लेकिन इस बोरियत को दूर करने के लिए आप क्रिएटिव कामों में खुद को बिजी रखना सीखें। इसके लिए बुक रीडिंग की आदत डालें, इससे आपकी नॉलेज और क्रिएटिविटी दोनों बढ़ेगी। इसके अलावा आप गार्डनिंग, पेंटिंग जैसी हॉबीज भी अपनाएं। साथ ही अपनी फैमिली, फ्रेंड्स के संग क्वालिटी टाइम बिताएं, उनसे अपने मन की बातें साझा करें। उनके साथ खुशी भरे पल बिताएं। इन सभी बातों को फॉलो करके आप रोल्स या सोशल मीडिया एडिक्शन से बच पाएंगी और अपने बचे हुए कीमती समय में कुछ बेहतर और अच्छा काम कर पाएंगी

एक्सपर्ट की राय लें
अगर आप रील्स या सोशल मीडिया पर बहुत टाइम बिता रही है और इसे कंट्रोल करने में नाकामयाब हो रही है तो आखिर में उस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को फोन से डिलीट हो कर दें। अगर आपका रील्स और सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने का एडिक्शन अधिक बढ़ गया है और आप उसे कंट्रोल करने में असफल हो रही हैं तो एक्सपर्ट की राय लें। वह आपको इस एडिक्शन से बाहर आने में मदद करेंगे।