देवघर (शहर परिक्रमा)

देवघर सेंट्रल स्कूल में गणित प्रदर्शनी का आयोजन

यथा शिखा मयूराणां मनयः सर्पानं यथा
    तदवतः वेदांग शास्त्रणाम गणितं मुहीन वर्तते।

अर्थात कलगी मोर के लिए जो महत्व रखता है, मणि से साँप की जो महत्ता होती है उसी तरह वेदांग शास्त्रों में गणित को महत्वपूर्ण माना जाता है। बेशक आज के पाठ्यक्रम में सर्वाधिक महत्वपूर्ण विषय अगर कोई है तो वह गणित ही है। गणित हमारे जीवन के हर पल उपयोगी है। गणित के बिना जीवन की कामना भी बेमानी है। अब  सवाल उठता है कि यह इतना महत्वपूर्ण है तो बच्चे इससे कतराते क्यो हैं?
    यह यथार्थ भी है बच्चे इससे कतराते हैं क्योंकि इसके सवाल थोड़े बोझिल हो जाते हैं। इसी बोझिल मन को दूर करने के लिए गणितीय संयोजन, वियोजन, गुणन एवं विखंडन को सरस बनाने हेतु तरह तरह के ट्रिक अपनाए जाते हैं और इसे रोचक बनाया भी जा सकता है। इन्ही विचारों को ध्यान में रखकर विद्यालय प्रबंधन द्वारा समय समय पर कई कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

   उपरोक्त बातें स्थानीय देवघर सेंट्रल स्कूल के प्राचार्य सुबोध कुमार झा ने गणित दिवस के पूर्व संध्या पर आयोजित गणित प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर कही।

गणित के बारे में अवधारणा है कि यह एक नीरस विषय है परंतु हकीकत में यह सरस् और रोचक है। पिंटू और देवांश ने अपने ज्यामितीय प्रारूप के द्वारा इसकी उपयोगिता प्रमाणित करने की कोशिश की। सोनू यादव ने दो अंको के गुणन का प्रारूप प्रस्तुत किया वहीं सनी एवं महेश ने दो अंकों के वर्ग निकालने का जीवंत को वर्णन कर बताया। अंजली, पलक एवं सृष्टि ने त्रिआयामी चीजों यथा घन घनाव शंकु आदि से संबंधित सवालों को प्रारूप के माध्यम से जीवंत हल किया। प्रियांशु, आशीष, हर्ष ने तीन अंकों के गुणन को सरल विधि से कर के दिखलाया।शाम्भवी, बंधन, इक्षा आदि ने वर्ग एवं वर्गमूल निकालने के आसान विधि का प्रदर्शन किया। आराध्या, मंतशा, शबनम, फातिमा ने बेलन, पिरामिड, शंकू आदि त्रिआयामी वस्तुओं के आयतन क्षेत्रफल आदि संबंधित प्रश्नों को सरल विधि से अल्प समय में हल कर दिखाया।शुभम, आग्नेय, नीतीश आदि ने अलग विधि से वर्ग एवं वर्गमूल प्राप्त करने का आसान नियम भी दिखाया। प्रशांत, बिट्टू , संजना ने कठिन गणितीय प्रश्नों को सरल विधि से हल करने का तरीका दिखाया। अंत में गणित क्विज का आयोजन किया गया जिसमें  बच्चों ने अपनी मेघाशक्ति से अधिकाधिक सवालों के जवाब देकर आकर्षक उपहार पाए।


   कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए संजय झा, ज्योतिष कुमार, रोहन पाठक, अरबिंद राणा, आकांक्षा, जोया सरकार, नेहा कुमारी व अन्य शिक्षकों ने अहम योगदान दिया। इस अवसर पर अविभावकों ने भी अधिक संख्या में उपस्थित होकर बच्चों के गणितीय परिकल्पनाओं की जमकर सराहना की।  

उपरोक्त बातों की जानकारी मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार पांडेय ने दी।